बड़वानी, सरदार सरोवर बांध के गेट की ऊंचाई बढ़ाने से विस्थापित हो रहे लोगों के हक की आवाज बनीं मेधा पाटेकर गंभीर रूप से बीमार हो गई हैं। शुक्रवार को नौंवे दिन भी उनका अनशन जारी रहा। इसके साथ ही नर्मदा बचाओ आंदोलन के कुछ लोग नई दिल्ली के जंतर-मंतर में भी अनशन पर बैठक गए हैं। उधर, सरकारी डॉक्टरों की टीम का कहना है कि मेधा और अनशन पर बैठे अन्य लोगों का स्वास्थ्य तेजी से खराब हो रहा है। उन्हें तत्काल इलाज की आवश्यकता है। उन्हें अस्पताल में भर्ती करना जरूरी है। मेधा के साथ अन्य 11 लोग भी अनशन पर बैठे हैं। वहीं, दूसरी ओर लोगों को न्याय दिलाने के लिए अनशनरत मेधा का कहना है कि अनशन किसी हालत में नहीं टूटेगा, पहले लोगों का विस्थापन के लिए सरकार कुछ करे। नर्मदा बचाओ आंदोलन के लोगों ने धार कलेक्टर श्रीमन शुखला के संपूर्ण विस्थापन संबंधी बयान को गुमराह करने वाला बताया। वहीं, मध्यप्रदेश सरकार ने 7,010 बचे विस्थापितों का आंकड़ा दिया है। जबकि लोकसभा में नरेन्द्र सिंह तोमर ने बताया है कि पुनर्वास का कार्य पूर्ण हो चुका है।
बहुत कम हुआ बीपी, कीटोन बढ़ा
डॉक्टरों का कहना है कि अनशनकारियों का ब्लड प्रेशर बहुत कम है और सभी में किटोन की मात्रा भी पाई गई है। मेधा को समर्थन देने कुक्षी विधायक हनी बगेल भी पहुंचे।
धार कलेक्टर का झूठ उजागर
गौरतलब है कि गुरुवार को निसरपुर पर दौरा करने निकले धार कलेक्टर श्रीमन शुखला ने लोगों को पुनर्वास स्थल पर स्थानांतरित होने के साथ साथ दावे से कहा की 50 गांव से 8 गांव का विस्थापन पूरा हो चूका है, जिसमें मनावर तहसील से जलखेड़ा और पटवार, धरमपुरी तहसील से निम्बोला, गुलाटी, बलवाड़ा और कुक्षी से सिसगांव, डेहर और दसांडा शामिल हैं। ये सभी गांव ऐसे गांव हैं जिनको 2008 में सरकार ने बैकवाटर लेवल से बहार किया था। जिसके कारण सरकारी आंकड़ो के अनुसार इन गांवो में बहुत कम घर डूब प्रभावित क्षेत्र में आते हैं, जिनका पुनर्वास पूरा होने का कलेक्टर दावा कर रहे हैं।
तोमर का जवाब
लोकसभा में गुरुवार को सरदार सरोवर बांध पर गुना के सांसद ज्योतिरादित्य सिंदिया द्वारा मध्यप्रदेश सरकार के अन्यापूर्ण तरीके पर सवाल उठाया था। सिंधिया ने बिना पुनर्वास और उच्चतम न्यायलय के आदेश का उलंघन करते हुए जबरन विस्थापन की नियत और प्रक्रिया पर सवाल खड़ा किया था। इस सवाल पर पंचायत राज मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा था कि मध्यप्रदेश सरकार उच्चतम न्यायलय के आदेश का पालन कर रही है। 31 जुलाई तक डूब क्षेत्र को खाली करवाने के निर्देश के पालन में प्रदेश से जो अपेक्षित था, वह सब सुनिश्चित किया है।
अपने ही बयान पर ऐसे उलझ़े मंत्री
एक तरफ नर्मदा विकास प्राधिकरण उपाध्यक्ष रजनीश वैश ने 7,010 विस्थापितों का पुनर्वास होना बाकि बताया है। वहीं, दूसरी तरफ नरेन्द्र सिंह तोमर कहते हैं की जो सरकार से अपेक्षित था वह सरकार ने किया है।
जंतर मंतर में यह अनशन पर बैठै
राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली के जंतर-मंतर पर गुरुवार से योगेन्द्र यादव, अलोक अगरवाल, संदीप पांडे और डॉक्टर सुनीलम भी अनशन पर बैठ गए।
विस्थापितों की लड़ाई का समर्थन : मान
नर्मदा घाटी में एक भयावह स्तिथि बनी हुई है। सरदार सरोवर के गेट बंद करने के बाद लगातार पानी बढ़ रहा है। आप पार्टी सांसद भगवंत मान ने डूब क्षेत्र और पुनर्वास स्थलों का दौरा कर बताया है कि लगभग 1 लाख लोग सरदार सरोवर की डूब में मूल गांवों में मौजूद है परंतु उनके लिये पुनर्वास स्थलों पर कोई व्यवस्था नहीं है। डूब क्षेत्र में भारी संख्या में पुलिस और बुलडोजऱ पहुंचा दिये हैं। मैं विस्थापितों के साथ हूं।
इनका कहना
प्रशासन को हम 12 लोगों की चिंता न करे। नर्मदा घाटी के लाखों लोगों की चिंता करनी चाहिए, जिनका विस्थापन सरकार नहीं कर रही है। न तो हम कोई चिकित्सा जांच करवाएंगे और न ही अनशन से उठेंगे। जब तक सरकार संवाद के लिए तैयार नहीं होती और पूर्ण पुनर्वास बाकि है इसलिए सरदार सरोवर बांध के गेट जो बंद किये जा चुके हैं उन्हें वापस नहीं खोलती, हमारा अनशन जारी रहेगा।
– मेधा पाटकर हेमंत गर्ग की रिपोर्ट
गंभीर हुईं मेधा, नौंवे दिन भी अनशन जारी,डॉक्टरों ने कहा, इलाज बहुत जरूरी
