नई दिल्ली, पिछले एक माह से चीन का सरकारी अखबार और चीनी सरकार लगातार डोकलाम मामले में भारत को धमकी दे रहा हैं भारत ने इस मामले में अभी तक चुप्पी सधी थी लेकिन गुरुवार को भारत ने डोकलाम विवाद पर चीन के रुख पर कड़ा एतराज जताते हुए चीन पर पलटवार किया है। भारत ने एक बार फिर चीन को स्पष्ट शब्दों में कहा दिया है कि सीमाई इलाके में शांति से ही आपसी रिश्ते मजबूत होंगे। शांति के बिना चीन से वार्ता मुमकिन नहीं है। उल्लेखनीय हैं कि बुधवार को चीन ने 15 पेज का बयान जारी कर भारत को बिना किसी शर्त के डोकलाम से अपनी सेना पीछे हटाने को कहा था इसके जवाब में भारत ने अपना पक्ष रखा। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि इस मुद्दे पर भारत का रुख और संबंधित तथ्य 30 जून के वक्तव्य में पेश कर दिए गए हैं।
वहीं भारत सरकार ने डोकलाम में सड़क निर्माण पर भी चिंता जाहिर की है। विदेश मंत्रालय ने अंदेशा जताया है कि यहां सड़क निर्माण से चीन को पूर्वोत्तर राज्यों तक भारत की पहुंच काटने का मौका मिल सकता है। वहीं इस बारे में चीन का मानना है कि ये विवाद चीन और भूटान के बीच का है और भारत में इसमें तीसरी पार्टी के तौर पर एंट्री कर रहा है। चीन का साफ मानना है कि भारत का इसमें कोई रोल नहीं है। बता दें कि भारत इस इलाके को अपना हिस्सा मानता है जबकि भूटान इसे डोकलाम के नाम से मान्यता देता है, तो चीन का दावा है कि यह इलाका उसके दोंगलांग क्षेत्र का एक हिस्सा है।जिसके बाद जून से यह विवाद चीन और भारत के बीच चल रहा है।