जबलपुर,हाईकोर्ट के समक्ष तीन दिनों से धरने पर बैठे एडीजे आरके श्रीवास ने अपना धरना खत्म कर दिया है। वे अब नीमच जिला न्यायालय जाकर ज्वाईन करेंगे। गौरतलब है कि बार-बार तबादले से आहत होकर अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश आरके श्रीवास पिछले तीन दिनों से हाईकोर्ट के गेट नंबर 3 के सामने धरने पर बैठे थे। वह 15 महिनों में चार बार तबादले से नाराज थे। उनका आरोप था कि तबादला प्रक्रिया में हाईकोर्ट के दिशा निर्देशों की अनदेखी की गई है। फिलहाल उन्होंने अपना धरना समाप्त घोषित कर दिया है। तबादला आदेश के अनुसार नीमच जाकर ज्वाईनिंग देंगे।
इसके पहले एडीजे अपनी नौ सूत्रीय मांगों को लेकर धरना दे रहे थे। धरना स्थल पर एडीजे आर.के. श्रीवास ने पहले कहा कि अब भी उनकी बात नहीं सुनी गई तो आज से वे भूख हड़ताल शुरू करेंगे।लेकिन,बाद में धरना ख़त्म करने से भूख हड़ताल की बात भी ख़त्म हो गई। उधर हाई कोर्ट प्रशासन ने इसे अनुशासन दायरे से बाहर मानकर सख्ती दिखाना शुरू का दिया है। हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल मोहम्मद फहीम अनवर ने एक दिन पूर्व ही यह कहा था कि श्रीवास 17 वर्ष की न्यायीक सेवा में लगभग 16 साल अपने गृह जिले रतलाम से 200 से 250 किलो मीटर की परीधी में ही पदस्थ रहे। बाद में शहडोल पदस्थापना किये जाने पर उन्होंने तबादला प्रक्रिया पर आरोप लगाना शुरू कर दिया। इधर,बाद में धरना ख़त्म करते हुए उन्होंने प्रेस से चर्चा में कहा की देश में शीर्ष अदालत आतंकवादी के मौलिक अधिकारों की रक्षा के मसले पर रात तीन बजे भी विशेष बेंच बैठती है। लेकिन,मैं यहाँ हाईकोर्ट के सामने तीन दिन तक अन्याय की लड़ाई लड़ने बैठा पर मुझसे मिलने मिलने मेरी ही बिरादरी को कोई व्यक्ति नहीं आया। उन्होंने कहा की मेरे मसले में न्यायिक अधिकारीयों के संघ की भी पक्ष या विपक्ष में बोलने की कोई हिम्मत नहीं हुई। उन्होंने ऐसे में सवाल किया कि क्या ऐसी स्थिति में कोई न्यायिक अधिकारी कुछ भी खुलकर बोल सकेगा।