नई दिल्ली, चीन ने एक बार फिर चालबाजी करते हुए पठानकोट हमले के मास्टर माइंड आतंकी मसूद अजहर पर अपने वीटो अधिकार का इस्तेमाल किया है। अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन की ओर से जैश-ए-मोहम्मद सरगना मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र द्वारा वैश्विक आतंकी घोषित करने के प्रस्ताव पर चीन ने तीन महीने के लिए तकनीकी रोक लगा दी है।
इसी साल फरवरी में भी चीन ने मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने के अमेरिका के प्रस्ताव को संयुक्त राष्ट्र में बाधित किया था। चीन द्वारा मसूद अजहर को आतंकी घोषित करने के प्रस्ताव पर तकनीकी बाधा की आखिरी तारीख दो अगस्त थी। अगर चीन इस तारीख के बाद फिर से बाधित करने का फैसला नहीं लेता, तो मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र की ओर से आतंकी घोषित किया जा सकता था। सूत्रों के मुताबिक, डेडलाइन खत्म होने के ठीक पहले चीन ने फिर एक बार प्रस्ताव पर दो नवंबर तक तीन माह के लिए तकनीकी बाधा पैदा कर दी है। बता दें कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य होने के कारण चीन के पास वीटो का अधिकार है।
चीन ने इससे पहले भी कई बार जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने के प्रयासों को बाधित किया है। पिछले साल मार्च में 15 देशों में सिर्फ चीन ही अकेला देश था, जिसने जैश के सरगना को वैश्विक आतंकी घोषित करने के भारत के प्रस्ताव के विरोध में मतदान किया था। समिति के सभी 14 देशों ने भारत के प्रस्ताव का समर्थन किया था। भारत ने मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र के धारा 1267 के अंतर्गत लिस्ट करने की मांग की थी, जिसके बाद उसके खुले घूमने और यात्राओं पर प्रतिबंध लग जाता। उस समय लगाई गई तकनीकी रोक की समयसीमा छह माह बाद सितंबर में समाप्त होनी थी। उसके बाद चीन ने फिर से इस पर तीन माह के लिए रोक लगा दी थी।