भोपाल, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह अपने पूर्व निर्धारित तीन दिवसीय प्रवास पर अगले महीने भोपाल आ रहे हैं। वे यहां मंत्री-विधायकों से लेकर संगठन के छोटे-बड़े पदाधिकारियों से सीधा संवाद करेंगे। साथ ही सरकार के कामकाज की समीक्षा करेंगे। शाह भोपाल प्रवास के दौरान पार्टी के दीनदयाल परिसर स्थित प्रदेश कार्यालय में ही ठहरेंगे। इस दौरान वे एक दिन किसी दलित और दूसरे दिन ओबीसी वर्ग के व्यक्ति या कार्यकर्ता के घर पर भोजन करेंगे।
प्रदेश भाजपा की ओर से राष्ट्रीय अध्यक्ष के दौर की तैयारियां की जा रही है। उनके तीनों दिन के कार्यक्रम तय हैं। जिसमें वे संगठन पदाधिकारियों के अलावा, समाजसेवी संस्था, स्वयंसेवी संस्था, अधिवक्ता, डॉक्टर, महिला समूहों के प्रतिनिधियों से भी चर्चा करेंगे। खास बात यह है कि वे सरकार के कामकाज को लेकर लोगों की राय भी मांगेंगे। अलग-अलग बैठकों में वे लोगों को संबोधित करेंगे। शाह के आगमन की तैयारियों के मद्देनजर पूर्व संगठन महामंत्री अरविंद मेनन 9 अगस्त को भोपाल आ रहे हैं। वे प्रदेश पदाधिकारियों व सभी मोर्चों, प्रकोष्ठों व प्रकल्पों के अध्यक्षों के साथ अलग-अलग बैठक करेंगे। सीएम शिवराज सिंह चौहान भी मंत्रियों की बैठक में कह चुके हैं कि राष्ट्रीय अध्यक्ष के समक्ष मंत्रियों का रिपोर्ट कार्ड रखा जाना है। इसलिए सभी मंत्री किए गए विकास कार्यों का लेखा-जोखा तैयार कर लें।
– दलित के घर करेंगे भोजन
अपने प्रवास के दौरान शाह किसी दलित या आदिवासी परिवार में भोजन के लिए जाएंगे। इसके लिए राजधानी के किसी गांव या फिर शहर में ही किसी परिवार को चिह्नित किया जाएगा। इधर शाह के दौरे के मद्देनजर प्रदेश भाजपा ने प्रकोष्ठ एवं प्रकल्पों को पूरी जानकारी के साथ उपस्थित रहने के निर्देश जारी कर दिया हैं। यहां बता दें कि अमित शाह का फोकस आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों और ग्रामीण क्षेत्र में सरकारी योजनाओं के विस्तार पर रहेगा। प्रवास से लौटने के बाद वे हर राज्य का रिपोर्ट कार्ड खुद तैयार कर रहे हैं।
-जनप्रतिनिधियों को मिलेगा मौका
शाह के प्रवास की खास बात यह रहेगी कि वे पंचायत एवं जिला स्तर के जनप्रतिनिधि एवं संगठन पदाधिकारियों से सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन की जमीनी हकीकत पूछेंगे। साथ ही उनसे यह भी पूछा जाएगा कि सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में या फिर लोगों को योजनाओं का लाभ दिलाने में भाजपा संगठन की क्या भूमिका रही है। इस दौरान उन्हें सरकारी कामकाज (मंत्री, विधायक एवं सांसदों की कार्यप्रणाली)को लेकर अपनी बात रखने का मौका भी मिलेगा।