भोपाल,सभी कृषि योजनाओं में अनुदान राशि अब डीबीटी (डायरेक्ट बेनीफिट ट्रांसफर) योजना के माध्यम से सीधे किसानों के खातों में जाएगा। इसके साथ ही प्रदेश में दो हजार रुपए से कम की सबसिडी वाली खेती-किसानी से जुड़ी लगभग सौ करोड़ रुपए की सभी योजनाएं बंद होंगी। इनके स्थान पर अन्य योजनाओं में सबसिडी बढ़ाई जाएगी। कृषि विभाग ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश पर यह फैसला किया है। सीएम ने यह निर्णय अनुदान राशि में अनियमितता और किसानों को लाभ नहीं मिलने की शिकायत के मद्देनजर लिया है। इसके लिए संचालक कृषि से एक सप्ताह में योजनावार रिपोर्ट मांगी गई है। सूत्रों के मुताबिक अन्नपूर्णा और सूरजधारा योजना के तहत किसानों को 35 साल से बीजों के लिए सबसिडी दी जा रही है। इसी तरह हस्तचलित यंत्र, सूक्ष्म तत्व सहित 14 योजनाओं में दो हजार रुपए से कम किसानों को सबसिडी मिलती है। सबसिडी की राशि सीधे जिलों को मिलती थी और वे प्रकरण बनाकर राशि आवंटित करते थे। इसमें फर्जी दस्तावेज बनाकर अनुदान प्रकरण स्वीकृत करने, चहेती कंपनियों को काम देने और वास्तविक किसानों को फायदा न मिलने की शिकायतें मिलती थीं। इसको लेकर मुख्यमंत्री ने राज्य कृषि एवं प्रशिक्षण संस्थान में हुए कृषि मंथन में दो हजार रुपए से कम सबसिडी की योजनाएं बंद करने के निर्देश दिए थे।
विभाग ने संचालक कृषि से योजना और हर साल लाभांवित होने वाले किसानों की जानकारी मांगी है।इसी तरह सरकार 350 करोड़ रुपए की सबसिडी फसल प्रदर्शन, बीज उत्पादन अनुदान सहित अन्य योजनाओं में डीबीटी के तहत देती है। इस योजना का दायरा सभी योजनाओं तक बढ़ाने का फैसला किया गया है। इसके लिए संचालक कृषि से बाकी योजनाओं का विस्तृत ब्योरा सात दिन में मांगा गया है। सूत्रों का कहना है कि सबसिडी में होने वाले खेल को रोकने के लिए केंद्र ने भी सभी राज्यों से डीबीटी अपनाने के लिए कहा है। प्रदेश में ज्यादातर विभाग इस योजना को अपना चुके हैं। प्रमुख सचिव कृषि डॉ. राजेश राजौरा ने बताया कि जिन योजनाओं में छोटे अनुदान दिए जाते थे, उनमें अनियमितताओं की शिकायतें आती थीं। किसानों को भी छोटा लाभ मिलता था। इसे देखते हुए तय किया गया है कि जिन योजनाओं में ज्यादा राशि अनुदान के तौर पर मिलती हैं, उनके लक्ष्य बढ़ाकर किसानों को अधिक फायदा पहुंचाया जाएगा।