भोपाल, भोपाल मेट्रो रेल के लिए कर्ज की सैद्घांतिक मंजूरी मिलते ही कंसल्टेंट के लिए विदेश की कंपनियों ने रुचि दिखाना शुरू कर दिया है। इस परियोजनाम में यूरोपियन इनवेस्टमेंट बैंक (ईआईबी) से कर्ज देने पर सहमति बन गई है।
मप्र मेट्रो रेल कंपनी ने कंसल्टेंट नियुक्ति के लिए ऑफर बुलाए थे, जिसमें फ्रांस, अमेरिका की तीन बड़ी कंपनियों ने रुचि दिखाई है। डेढ़ महीने के अंदर तकनीकी, वित्तीय बिड का मूल्यांकन के बाद एक का चयन होना है। चयनित कंपनी दो महीने बाद काम शुरू कर देगी। इस कंसल्टेंट कंपनी पर टेंडर डॉक्यूमेंट तैयार करने से लेकर डीपीआर का अध्ययन करने, प्रोजेक्ट में आने वाली समस्या का समाधान करने, निर्माण एजेंसी का चयन कर मेट्रो रेल प्रोजेक्ट का काम पूरा होने तक जिम्मेदारी रहेगी।
जून महीने में ईआईबी की मैनेजमेंट कमेटी ने कर्ज की सैद्यांतिक स्वीकृति दी थी, अब आगामी नवंबर में ईआईबी की टीम भोपाल में फाइनल सर्वे करके लोन देने की प्रक्रिया पूरा करेगी। मेट्रो कंपनी के अधिकारियों की मंशा है कि कर्ज मिलने से पहले कंसल्टेंसी नियुक्ति हो जाए ताकि 2018 तक काम चालू हो सके। मेट्रो रेल कंपनी पिछले एक साल से कंसल्टेंट कंपनी की नियुक्ति की कवायद कर रहा है। लेकिन कर्ज स्वीकृत नहीं होने से किसी ने रुचि नहीं दिखाई। ज्ञात हो कि गत 27 फरवरी तक ऑफर बुलाए थे लेकिन कोई बिड नहीं आई। फिर 23 मई तक ऑफर बुलाए गए। इसके बाद 10 जुलाई तक समय सीमा बढ़ाई गई थी। मालूम हो कि पहले चरण में एम्स से करोंद चौराहा और डिपो चौराहा से रत्नागिरी तिराहे तक दो रूटों पर मेट्रो शुरू होना है। इसमें कुल 6962 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है।