नई दिल्ली, वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू होने के बाद फ्री पिज्जा या एक के साथ एक फ्री जैसे ऑफर्स देना कंपनियों को भारी पड़ेगा। जुलाई में जीएसटी लागू होने के बाद बहुत से पैकेज्ड उत्पादों और खाद्य सेवा प्रदाता कंपनियों ने इस तरह के प्रस्ताव देना बंद कर दिया है।
जीएसटी के तहत कंपनियों की ओर से उपभोक्ताओं को कोई भी चीज ‘मुफ्त’ देने पर कंपनियों को उस चीज पर अतिरिक्त टैक्स चुकाना होगा और जब वे किसी उत्पाद की बिक्री को ‘मुफ्त’ के तौर पर प्रदर्शित करेंगी, तो उन्हें उस पर इनपुट क्रेडिट नहीं मिलेगा। इस वजह से कंपनियां अब ग्राहकों को लुभाने के लिए दूसरे विकल्पों पर विचार कर रही हैं। बिस्किट कंपनी पारले प्रॉडक्ट्स के मार्केटिंग हेड मयंक शाह ने बताया कि हम बाय-वन-गेट-वन फ्री आफर समाप्त कर रहे हैं। अब हम सीधे छूट देने जा रहे हैं। इससे व्यापार में मुश्किल हो रही है। लेकिन जीएसटी के तहत ऐसा करना जरूरी है। पिछले आठ तिमाहियों से उपभोक्ता सामग्री और पैकेज्ड उत्पाद कंपनियों को सुस्त डिमांड की चुनौती झेलनी पड़ रही है। ऐसे में कंपनियां खपत बढ़ाने के लिए अब तक फ्री ऑफर्स का काफी इस्तेमाल कर रही थीं।
गोदरेज कन्ज्यूमर प्रॉडक्ट्स के प्रबंध निदेशक विवेक गंभीर ने बताया, ‘जीएसटी के तहत टैक्स से जुड़े नियमों के मद्देनजर हमारी टीम बेहतर रास्ते की तलाश कर रही है। हम प्रमोशनल आइटम के तौर पर दिए जाने वाले उत्पादों की संख्या बहुत कम कर सकते हैं।’ उन्होंने कहा कि कंपनी अब डिस्काउन्ट, प्राइस में छूट जैसे अन्य तरीके अपनाने पर विचार कर सकती है। देश की दो बड़ी फूड सर्विसेज कंपनियां- जुबिलंट फूडवर्क्स (डॉमिनोज पिज्जा, डंकिन डोनट्स) और यम रेस्ट्रॉन्ट्स (पिज्जा हट) भी बाय-वन-गेट-वन स्कीमों को बंद कर रही हैं।
पिज्जा हट के प्रबंध निदेशक उन्नत वर्मा ने बताया, ‘जीएसटी के तहत फूड सर्विसेज में बेचे गए प्रत्येक उत्पाद की एक अनुमानित कीमत होनी जरूरी है। इस वजह से हम बाय-वन-गेट-वन फ्री ऑफर्स बंद कर रहे हैं। हम अभी कुछ अलग तरह के ऑफर्स पेश कर रहे हैं, जिनमें दो पिज्जा खरीदने पर तीसरे पर डिस्काउंट शामिल है।’
कर विशेषज्ञों ने बताया कि किसी कंपनी के कोई भी चीज मुफ्त सप्लाई करने पर उसे उस चीज पर जीएसटी चुकाना होगा। इसमें फार्मास्युटिकल कंपनियों की ओर से चिकित्सकों को दिए जाने वाले मुफ्त उत्पाद भी शामिल हो सकते हैं। क्लीयरटैक्स के मुख्य कार्यकारी अर्चित गुप्ता ने बताया, ‘जीएसटी ऐक्ट के तहत हर बार कोई चीज मुफ्त बेचने पर उस चीज की अनुमानित मूल्य पर जीएसटी चुकाना होगा।’ डाबर और मैरिको जैसी कंपनियों ने बताया कि वे अपनी प्रमोशनल स्कीमों में बदलाव कर रही हैं और इनमें मूल्य पर डिस्काउंट जैसे ऑफर्स को शामिल किया जा रहा है।