गॉले, युवा बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा अब इस बात से खुश हैं कि उनके पिता अब पहले जैसे सख्त नहीं हैं। इस बल्लेबाज ने कहा, ‘मेरे पिता हमेशा मेरे सर्वश्रेष्ठ और खराब आलोचक रहे हैं। कभी कभार वह काफी आलोचना करते हैं, पर अब हमारी आपसी समझ ऐसी हो गयी है, जिसमें हम हमेशा बातचीत के बाद निष्कर्ष पर पहुंच जाते हैं, इसलिए उनकी सख्ती भी कम हो गयी है।’
अभी तक पुजारा ने 49 टेस्ट मैचों में 52.18 के औसत से 3966 रन बनाए हैं, जिसमें 12 शतक शामिल हैं। इन शतकों में नवीनतम गॉले में समाप्त हुए पहले टेस्ट में बना। थापुजारा ने कहा, ‘अभी तक का मेरा सफर शानदार रहा है। देश के लिए 50वें टेस्ट मैच में खेलना मेरे लिए गर्व का क्षण है। हां, इसमें उतार-चढ़ाव रहे हैं, लेकिन मेरी हाल की अच्छी फॉर्म को देखते हुए मैं अपने 50वें टेस्ट में कुछ रन जुटाने के लिये प्रतिबद्ध हूं।’ पुजारा के लिए उनका सात साल का अंतरराष्ट्रीय करियर 2015 तक पिता हमेशा मेरे सर्वश्रेष्ठ और खराब आलोचक रहे मुश्किलों भरा रहा। शुरुआती चरण में उन्हें घुटने की चोट का सामना करना पड़ा। उन्होंने कहा, ‘चोटिल होना मेरे करियर का सबसे चुनौतीपूर्ण समय रहा। मैं घुटने की चोट के कारण छह महीने तक बाहर रहा और फिर दोबारा 2011 में फिर छह महीने के लिए बाहर हो गया। मैं पूरे साल नहीं खेल सका, जो मेरे लिए काफी कठिन था।’ अब मैं फिट हो गया हूं और आगे भी फिटनेस बरकरार रखने प्रयास करुंगा।
पिता हमेशा मेरे सर्वश्रेष्ठ और खराब आलोचक रहे : पुजारा
