भोपाल,माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा 2016 में आयोजित दसवीं की बोर्ड परीक्षा में एक छात्रा की कॉपियों का सही ढंग से मूल्यांकन नहीं करने पर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। माध्यमिक शिक्षा मंडल ने साक्षी सेन नामक छात्रा को गणित विषय में मात्र 6 अंक देकर, इसकी पूरक परीक्षा की पात्रता घोषित की थी।
छात्रा के पिता ने पुनर्मूल्यांकन के लिए माध्यमिक शिक्षा मंडल में आवेदन किया था। किंतु माध्यमिक शिक्षा मंडल ने अपने परिणाम को सही बताया।
छात्रा के पिता ने इस मामले की में मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ में याचिका दायर की थी इसकी सुनवाई न्यायमूर्ति पीके जायसवाल और न्यायमूर्ति वेद प्रकाश शर्मा की खंडपीठ ने की । माध्यमिक शिक्षा मंडल के खिलाफ तल्ख टिप्पणी करते न्यायधीश ने कहा कि विद्यार्थियों के परीक्षा परिणाम में इस तरह की भूल बच्चों के भविष्य को चौपट कर देती है। हाई कोर्ट ने माध्यमिक शिक्षा मंडल पर घोर लापरवाही बरतने पर 50 हजार का जुर्माना लगाया है। यह जुर्माना एफडीआर के रूप में एक माह के अंदर कोर्ट में जमा करने के आदेश दिए है। हाईकोर्ट यह राशि छात्रा साक्षी को पिता को न्यायालीन खर्चे के रूप में मिलेगी।