बेंगलुरु, गुजरात में साख बचाने की चुनौती से जूझ रही कांग्रेस ने आरोप लगाया हैं कि उसके विधयकों को जान का खतरा था इसलिए उन्हें बेंगलुरु भेजा गया। रविवार को बेंगलुरु में अपने 44 विधायकों की मीडिया के सामने परेड कराने के बाद कांग्रेस नेता शक्ति सिंह गोहिल ने कहा कि सभी विधायक यहां अपनी मर्जी से आए हैं और उनसे उनके मोबाइल ले लिए जाने की खबरें झूठी हैं। उन्होंने कहा कि हम लोकतंत्र की रक्षा करने की लड़ाई लड़ रहे हैं। बता दें कि गुजरात में 8 अगस्त को राज्यसभा की 3 सीटों के लिए वोट डाले जाएंगे लेकिन कांग्रेस के कुछ विधायकों के इस्तीफे के बाद पार्टी उम्मीदवार अहमद पटेल का राज्यसभा चुनाव जीतना मुश्किल होता जा रहा है।
शक्ति सिंह गोहिल ने भाजपा पर कांग्रेस को तोड़ने के साम, दाम, दंड, भेद समेत हर तरह के हठकंडे अपनाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि राजनीति में विरोधी को कमजोर करने के लिए तमाम तरीके अपनाए जाते हैं लेकिन बीजेपी सारी मर्यादाओं को तोड़ रही है और निचले स्तर पर जा रही है। गोहिल ने कहा कि भाजपा सरकारी मिशनरी का दुरुपयोग कर रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा की चाल थी कि कांग्रेस के कुल 22 विधायकों को पैसे से खरीदकर इस्तीफा दिलवाया जाए। उन्होंने कहा, ‘विधायकों को 15-15 करोड़ रुपये का लालच दिया गया लेकिन हमारे विधायक नहीं बिके, हमारे विधायक गुंडों से नहीं डरे, इसलिए विधायकों को धन्यवाद।’
गोहिल ने कहा कि अहमद पटेल को जीतने के लिए 45 विधायकों के वोट की जरूरत है और उसके लिए कांग्रेस के पास पर्याप्त से ज्यादा विधायक हैं। गोहिल ने कहा, ‘कांग्रेस के 57 विधायक हैं…एनसीपी के साथ हमारा सीटों का गठबंधन था जिसके 2 विधायक हैं…एक जेडीयू के साथी हमारे साथ हैं…हमारे साथ कुल 60 विधायक हैं…हमें राज्यसभा की एक सीट पर जीत के लिए 45 विधायकों की जरूरत है।’
गोहिल ने कहा कि बीजेपी को बाढ़ से मर रहे लोगों की चिंता नहीं है बल्कि वह कांग्रेस तोड़ने में लगी है। उन्होंने कहा कि फेक एनकाउंटर का आरोपी आईपीएस अफसर हमारे आदिवासी विधायक को गाड़ी में बैठाकर ले गया और बोला कि अमित शाह से मिलवाएंगे। वहां विधायकों की सुरक्षा का भी खतरा था। कांग्रेस नेता ने कहा कि भाजपा ने 6 विधायकों से इस्तीफा तो दिलवाया दिया लेकिन 7 विधायकों ने अभी तक इस्तीफा नहीं दिया है। उन्होंने कहा कि वे 7 विधायक कांग्रेस उम्मीदवार को ही वोट देंगे।