लखनऊ,देश की दूसरे दल अपनी खींचतान में लगे हुए हो,लेकिन पीएम मोदी और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह मिशन 2019 की तैयारी में जुट गए है। इसी मिशन के तहत विपक्षी खेमे में सेंध लगाकर प्रदेश की सियासत में खलबली मचाने वाले बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की नजर अब विरोधियों के ‘कोर वोट बैंक’ पर टिक गई है। दलितों के एक वर्ग और ओबीसी के एक बड़े हिस्से को अपनी ओर खींचने में कामयाब रही बीजेपी की नजर अब मायावती के वोट बैंक माने जाने वाले जाटवों और समाजवादी पार्टी का वोट बैंक माने जाने वाले यादवों पर है। शनिवार को पार्टी की बैठक में शाह ने कार्यकर्ताओं से खास तौर पर ‘मिशन यादव’ पर जुटने को कह दिया है।
बीजेपी पिछड़ी जातियों में गैर यादव वोटों में पहले ही काफी सेंध लगा चुकी है। दलितों में भी जाटवों को छोड़कर बाकी उपजातियों में पार्टी निणार्यक बढ़त की ओर है। सूत्रों की मानें तो बैठक में शाह ने कहा कि यादव और जाटव दोनों ही संगठित रूप से जिनके साथ रहे हैं, उनको मजबूत करने का काम किया है। इनके वोट बैंक से पली-बढ़ीं एसपी और बीएसपी पतन के आखिरी दौर में हैं। इनके कोर वोट बैंक को भी यह लग रहा है कि जिनके साथ हम खड़े रहे, उन्होंने हमारा विकास करने की बजाय राजनीतिक इस्तेमाल ही किया है। शाह ने कहा, ‘हमारे लिए एक अच्छा मौका है कि हम उनके बीच में बीजेपी की पैठ बढ़ा सकें, इसलिए अभियानों में यादवों को एसपी का वोट बैंक मानकर किनारे करने की जरूरत नहीं है, बल्कि पार्टी को उन पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। रणनीतिक तौर पर सरकार और संगठन में भागीदारी के जरिए उनके साथ खड़ा होने का संदेश भी पार्टी के जरिए दिया जाएगा। समाजवादी कुनबे में मचे घमासान को देखते हुए शाह इसपर तुरंत काम शुरू करने के पक्ष में हैं। शाह ने संगठन के लोगों को निर्देश दिया है कि दलितों और यादवों को पार्टी से जोड़ने के लिए तीन महीने का विशेष अभियान चलाएं। इसके लिए क्षेत्रवार कार्ययोजना बनाने को कहा गया है। इन दोनों समुदायों के प्रभावी लोगों की सूची बनाकर उन पर विशेष मेहनत करने का गुरुमंत्र भी शाह ने दिया। हर जिले और विधानसभा स्तर पर ऐसे प्रभावी लोगों को पहले चरण में चिह्नित किया जाएगा और फिर अभियानों से जोड़ा जाएगा। पार्टी का जोर इन वर्गों को यह समझाने पर रहेगा कि बीजेपी उनके हितों की अपेक्षाकृत दूसरे दलों से अधिक चिंता करती है। उनका पार्टी से जुड़ना विकास के लिए फायदेमंद रहेगा।
वहीं इस मौके पर अमित शाह ने टीम योगी के साथ अलग से बैठक की। उन्होंने मंत्रियों से कहा कि वह नियमित संवाद और क्षेत्र में उपस्थिति पर जोर दें। कार्य के दौरान साख बनाने पर भी जोर रहे। उन्होंने कहा, ‘हमारी कोशिश है कि केंद्र सरकार की उन तमाम योजनाओं को आम लोगों तक पहुंचाया जाए जो पिछली सरकार के दौरान अभी तक रुकी पड़ी थीं। बैठक में संकल्प पत्र के वादों को जल्द से जल्द पूरा करने की भी कार्ययोजना तैयार की गई। इस दौरान सीएम योगी आदित्यनाथ ने बताया कि प्रभारी मंत्रियों को जिलों में विकास का जिम्मा दिया गया है, ताकी योजनाओं की समीक्षा की जा सके। शाह ने मंत्रियों से कहा कि वे पांच साल नहीं बल्कि सरकार सिल्वर जुबली मना सके, यह सोच कर काम करें। विपक्ष को कोई मौका न दें। जिसको काम ज्यादा लगे, वह छुट्टी ले सकता है।
भाजपा के चाणक्य माने जाने वाले अध्यक्ष ने सरकार में शामिल सहयोगी दलों, अपना दल (सोनेलाल) और भासपा के नेताओं से मुलाकात की। इसी के दौरान दर्द छलक उठा। उन्होंने उपेक्षा का मुद्दा उठाते हुए उनकी बात सुनने के लिए फोरम बनाने की मांग की। शाह ने अपना दल (सोनेलाल) के राष्ट्रीय अध्यक्ष आशीष सिंह पटेल, सांसद और केंद्र में मंत्री अनुप्रिया पटेल के साथ काफी देर तक बातचीत की। अनुप्रिया ने कहा, ‘हमारा संसदीय क्षेत्र पिछड़ा हुआ है। हमारे विधायक भी पिछड़े क्षेत्रों से आते हैं, इसलिए उनके विकास पर ध्यान दिया जाए। कोई ऐसी समन्वय समिति बने जहां सहयोगी दल भी अपनी बात प्रमुखता से रख सकें। शाह ने सोमवार को अपना दल के 9 विधायकों को अलग से मिलने के लिए बुलाया है। वहीं भासपा के लोगों ने भी अधिकारियों की ओर से उनकी उपेक्षा किए जाने की शिकायत की। उनका कहना था कि निचले स्तर पर भ्रष्टाचार के मामलों की अधिकारियों से शिकायत करते हैं तो वह सुनते नहीं है। इससे असहज स्थिति पैदा होती है। योजनाओं में अति पिछड़ों के लिए विशेष आरक्षण की मांग भी भासपा के सदस्यों ने की। शाह ने उन्हें भी सोमवार को दुबारा मिलने को बुलाया है।
‘आंतरिक लोकतंत्र ‘ होना चाहिए-अमित शाह
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कहा है कि देश की गिनी-चुनी पार्टियों में ही आंतरिक लोकतंत्र बचा है और भाजपा उनमें से एक है। शाह ने प्रबुद्धजनों के समागम कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए कहा जिस पार्टी में आंतरिक लोकतंत्र नहीं बचा, वे लोकतंत्र की सेवा नहीं कर सकती । वे पार्टियां घरानों, परिवारों और जातियों के आधार पर चलने लगती हैं। वहां प्रतिभा का महत्व नहीं होता । प्रतिभाशाली लोग किनारे कर दिए जाते हैं। शाह ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि सबको मालूम है कि सोनिया गांधी के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी होंगे । (लेकिन) मेरे बाद भाजपा का अध्यक्ष कौन बनेगा, यह तय ही नहीं हो सकता क्योंकि भाजपा में आंतरिक लोकतंत्र है ।
शाह ने कहा कि जिसमें दमखम है, जनता के लिए संवेदना है, प्रतिभा है और जिसका निर्मल चरित्र होगा, वही अध्यक्ष बनेगा। किसी भी राजनीतिक दल के तीन मानक बताते हुए शाह ने आंतरिक लोकतंत्र के अलावा ‘सिद्धांत ‘ और ‘विकास ‘ को गिनाया। उन्होंने कहा कि यह भी महत्वपूर्ण है कि पार्टी किन सिद्धांतों के आधार पर चल रही है। अगर पार्टी सिद्धांतों पर नहीं चल रही है तो अंत में परिवारवाद और जातिवाद के आधार पर चलने वाली पार्टी बन जाती है।
सोनू यादव के घर किया ‘लंच’
कभी दलितों के घर तो कभी किसी अन्य जाति के व्यक्ति के घर ‘लंच अथवा डिनर’ कर अपनी रणनीति को धार देने के क्रम में रविवार को भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने पिछड़ी जाति के एवं पार्टी के बूथ अध्यक्ष के घर दोपहर का भोज किया। इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित लगभग समूची सरकार भी मौजूद थी और सभी ने एक साथ जमीन पर बैठकर सादे भोजन का लुत्फ उठाया।
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह दोपहर को बूथ अध्यक्ष सोनू यादव के गोमतीनगर के बड़ी जुगौली स्थित घर पूरे लाव-लष्कर के साथ पहुंचे। वहां अमित शाह और मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी ने सोनू यादव के घर साधारण खाना खाया। उनके लिए अरहर की दाल, चावल, रोटी, छाछ, भिंडी व आलू-परवल की सब्जी का मेन्यू बनाया गया था। इस दौरान उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या, डॉ. दिनेश शर्मा, महासचिव सुनील बंसल व ओम माथुर सहित कई नेता, मंत्री और विधायक भी मौजूद रहे। माना जा रहा है कि सूबे में बड़ी संख्या में यादव जनसंख्या को रिझाने के लिए श्री शाह ने यह दांव खेला है।