नई दिल्ली,वकील राम जेठमलानी ने दावा किया है कि खुद केजरीवाल ने ही उन्हें वित्त मंत्री अरुण जेटली के खिलाफ अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल करने को कहा था। बता दें कि 20 जुलाई को जेठमलानी ने केजरीवाल को खत लिखकर जेटली द्वारा दायर मानहानि के केस को लड़ने से खुद को अलग कर लिया था।
अरविंद केजरीवाल के कोर्ट में यह कहने के बाद कि उनके वकील ने अपनी तरफ से जेटली के खिलाफ अपमानसूचक शब्दों का इस्तेमाल किया है, जेठमलानी नाराज हैं। उन्होंने 20 जुलाई को न सिर्फ अरविंद केजरीवाल को खत लिखा बल्कि उसकी एक कॉपी वित्त मंत्री अरुण जेटली को भी भेज दी। अपने खत में जेठमलानी ने केजरीवाल से कहा है, ”जब अरुण जेटली ने आपराधिक मानहानि का पहला केस दर्ज किया था तो आपने मेरी सेवा ली। अपनी अंतरात्मा से पूछिए कि कितनी बार आपने खराब गाली दी थी।’ बता दें कि जेठमलानी ने कोर्ट में जेटली के लिए अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया था, जो केजरीवाल के खिलाफ 10 करोड़ के दूसरे मानहानि केस का कारण बना।
केजरीवाल ने जेटली पर डीडीसीए घोटाले में शामिल होने का आरोप लगाया था जिसके बाद जेटली ने उनके खिलाफ आपराधिक मानहानि का केस दर्ज कर 10 करोड़ रुपये की मांग की थी। अरविंद केजरीवाल ने जेटली के धुर विरोधी जेठमलानी को अपना केस लड़ने के लिए चुना था। लेकिन 17 मई को केस की सुनवाई के दौरान जेठमलानी द्वारा जेटली के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी के बाद केस में नया मोड़ आ गया। जेटली ने तब कोर्ट में कहा कि अगर वकील ने अपने मुवक्किल के कहे मुताबिक ही शब्दों का इस्तेमाल किया है तो वह एक दूसरा मानहानि का केस दायर करेंगे। जेठमलानी ने जवाब में कहा कि हां यह शब्द उनके मुवक्किल के हैं, जिसके बाद जेटली ने अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मानहानि का एक और केस कर दिया और अपनी प्रतिष्ठा को पहुंची चोट के एवज में उनसे 10 करोड़ रुपये हर्जाने की मांग की।
खास बात यह है कि केजरीवाल ने बाद में दिल्ली हाई कोर्ट में हलफनामा देकर कहा कि उन्होंने जेठमलानी को ऐसे किसी अपशब्द के इस्तेमाल की सलाह नहीं दी थी। उन्होंने यह बात जेठमलानी से भी खत के जरिए कही। केजरीवाल ने अपने हलफनामे में कहा कि यह बात पचने योग्य नहीं है और न ही कोई सोच सकता है कि एक वरिष्ठ वकील को इस तरह के आपत्तिजनक शब्द कहने के लिए कोई कहेगा। दिल्ली के सीएम ने अपने हलफनामे में यह भी कहा कि न तो उन्होंने और न ही उनके वकील (अनुपम श्रीवास्तव) ने वरिष्ठ वकील (जेठमलानी) को आपत्तिजनक शब्द का इस्तेमाल करने का निर्देश दिया था।