नई दिल्ली, बिहार में भाजपा के साथ गठबंधन करके फिर से मुख्यमंत्री पद हासिल करने वाले नीतीश कुमार उपराष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष के उम्मीदवार गोपालकृष्ण गांधी का ही साथ देंगे। सूत्रों का कहना है कि गांधी को समर्थन देने के फैसले में कोई बदलाव नहीं होगा। जदयू के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि नीतीश कुमार का मानना है कि राष्ट्रीय राजनीति में बिहार की अलग भूमिका है| भाजपा के साथ गठबंधन अवसरवादिता की वजह से नहीं, राज्य की भलाई के लिए किया गया है| उन्होंने कहा कि जदयू उप राष्ट्रपति पद पर संयुक्त विपक्ष के प्रत्याशी गोपालकृष्ण गांधी को ही समर्थन देगा| पार्टी ने उनकी योग्यता को देखते हुए उनका समर्थन करने की योजना बनाई है| इसलिए इस फैसले में बदलाव लाने की कोई वजह नहीं है।
पार्टी सूत्रों के अनुसार जब राष्ट्रपति पद के लिए नीतीश ने रामनाथ कोविंद को समर्थन दिया था तब उन्होंने आरजेडी और कांग्रेस से कहा कि उन्होने राज्य के विकास के लिए ही गठबंधन किया है| इस गठबंधन का असर राष्ट्रीय स्तर पर नहीं होगा। उन्होंने सभी पार्टियों के विधायकों को बता दिया है कि गोपाल कृष्ण गांधी का ही समर्थन करना है| उन्हें एनडीए उम्मीदवार वेंकैया नायडू पर विचार नहीं करना है| हालांकि, बुधवार को जब नीतीश ने महागठबंधन तोड़ने का फैसला लिया तो उन्होंने कहा था कि उपराष्ट्रपति पद के लिए वह किसे समर्थन करेंगे, इस पर फिलहाल कुछ नहीं कहा जा सकता|
उप-राष्ट्रपति पद पर गांधी का ही समर्थन करेगा JDU
