अहमदाबाद, बिहार में सियासत के खेल में मात खाने के बाद गुजरात में भी कांग्रेस को झटका लगा है। राज्यसभा चुनाव ठीक से पहले यहां कांग्रेस के तीन वरिष्ठ विधायकों ने गुरुवार को पार्टी से इस्तीफा देकर भाजपा का दामन थाम लिया। इसे शंकर सिंह वाघेला के उस प्लान का हिस्सा माना जा रहा है, जिसके तहत उन्होंने पिछले सप्ताह कांग्रेस को अलविदा कह दिया था।
इनमें विधानसभा में कांग्रेस के मुख्य सचेतक बलवंत सिंह राजपूत शामिल हैं। भाजपा ने उन्हें आगामी राज्यसभा चुनाव के लिए राज्य से अपना उम्मीदवार बनाया है। राजपूत, जोकि वघेला के करीबी रिश्तेदार हैं, को भाजपा ने सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार अहमद पटेल को संसद के ऊपरी सदन में फिर से निर्वाचित होने से रोकने के प्रसास में मैदान में उतारा है। भाजपा उम्मीद जता रही है कि बलवंत सिंह को वाघेला समर्थक विधायकों का समर्थन मिलेगा।
गुजरात के सिधपुर से विधायक बलवंत सिंह राजपूत ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखते हुए कहा, ‘पार्टी के कुछ लोग शंकर सिंह वाघेला से मेरे पारिवारिक रिश्ते को लेकर पार्टी में मेरी छवि को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं। कांग्रेस पार्टी को ऐसी गतिविधियां करने वाले लोगों पर लगाम लगानी चाहिए, लेकिन ऐसा हो नहीं रहा। ऐसे हालात में कांग्रेस पार्टी में मेरे लिए काम करना मुमकिन नहीं है, इस वजह से मैं कांग्रेस के सभी पदों से इस्तीफा देता हूं।
गुजरात में राज्यसभा सीट जीतने के लिए 47 वोट जरूरी हैं, कांग्रेस के पास 57 विधायक हैं जिनमें से राष्ट्रपति चुनाव में 8-11 ने क्रॉस वोटिंग की थी, 2 सीट जीतने के बाद भाजपा के पास अतिरिक्त 28 वोट रहेंगे तीसरी सीट के लिए 19 वोटों की जरूरत पड़ेगी।