भोपाल, मेमू पैसेंजर ट्रेन जो कि भोपाल से बीना के बीच चल रही है, में सौर ऊर्जा का प्रयोग किया जाएगा। इस मेमू पैसेंजर ट्रेन की लाइट और पंखे सोलर पॉवर से रोशन होंगे। इसके लिए तैयारियां शुरु हो गई हैं। इस तरह सोलर एनर्जी से चलने वाली पश्चिम मध्य रेलवे की ये दूसरी ट्रेन होगी। मेनलाइन इलेक्ट्रिकल मल्टीपल यूनिट (मेमू) ट्रेन भोपाल रेल मंडल में भोपाल से बीना के बीच चलती है। यह ट्रेन ओवर हेड केबल से केटेनरी सिस्टम से अल्टरनेटिंग करंट से चलाई जाती है। रेलवे सूत्रों के अनुसार पश्चिम मध्य रेलवे 61631-63 भोपाल-बीना पैसेंजर ट्रेन को सोलर पावर से चलाना चाहता है। इसकी अनुमति भी मिल गई है। इसके लिए 35 लाख की लागत से मेमू की बोगियों की छत पर सोलर पावर सिस्टम इन्सटाल किया जाएगा।
पर्यावरण की सुरक्षा और पैसों की बचत के लिहाल से ये इको फ्रेंडली सिस्टम ट्रेन की बोगियों पर लगाया जाएगा। इससे ट्रेन की सभी 16 बोगियों के बल्ब और पंखे चलाए जाएंगे। इससे बिजली की खपत कम होगी। ज्ञात हो कि सोलर एनर्जी से नॉन एसी ट्रेन ही चलाई जा सकती है। ज्यादातर कम दूरी की पैसेंजर ट्रेनों को ही इसके लिए उपयुक्त पाया गया है। इस लिहाज से मेमू को योग्य पाया गया है। पश्चिम मध्य रेलवे की मेमू ट्रेन दूसरी गाड़ी होगी जो सोर ऊर्जा से रोशन होगी। इसके पहले रीवा-जबलपुर इंटरसिटी को सोलर पावर प्लांट से रोशन किया गया। रेलवे उन नॉन एसी पैसेंजर ट्रेनों को फोकस कर रहा है जो नॉन एसी हैं और ज्यादातर दिन के समय चलती हैं।