भोपाल,राज्य में इंजीनियरिंग की 71 हजार सीटें मौजूद हैं, जिनमें से अभी तक 57 हजार सीटें खाली हैं। इन सीटों पर प्रवेश के लिए काउंसलिंग के दो चरण पूरे हो चुके है और तीसरे राउंड के लिए विद्यार्थी पंजीयन कराने के साथ च्वाइस फिलिंग कर रहे हैं। इसमें कॉलेजों में बेहतर प्रवेश होने के कयास लगाए जा रहे हैं। प्रदेश के 64 कॉलेजों में कुल इंटेक की दस फीसदी सीटों पर प्रवेश हुए हैं। अभी तक इंजीनियरिंग में 14 हजार प्रवेश हुए हैं। मालूम हो कि प्रदेश में यूपी और बिहार से ज्यादा प्रवेश आते हैं। वर्तमान में बिहार में 12 वीं का रिजल्ट काफी ज्यादा खराब है। इसमें काफी सख्या में विद्यार्थियों को पूरक में रखा गया है। इसलिए वर्तमान में चले काउंसलिंग के दो राउंड में कम प्रवेश हुए हैं। पूरक का रिजल्ट आने के बाद प्रवेश की संख्या में सुधार होगा।
इसी तरह मप्र में 12वीं पूरक परीक्षा का रिजल्ट अगस्त के प्रथम सप्ताह में आएगा, जिससे प्रवेश की स्थिति में सुधार हो सकेगा। जीईई मैंस में शामिल होने वाले करीब 14 हजार विद्यार्थियों ने प्रवेश लिया है। तीसरे राउंड में क्वालीफाई राउंड चलाया जा रहा है। इसमें जेईई मैंस के विद्यार्थियों को शामिल किया जा रहा है। क्वालीफाई राउंड में कॉलेज विद्यार्थियों को दूसरे राज्यों से बुलाकर प्रवेश कराने पंजीयन और च्वाइस फिलिंग करा रहे हैं। वहीं अंतिम राउंड में कालेज लेवल काउसंलिंग सीएलसी रखी गई है। सीएलसी से प्रवेश कराने कालेज बाहरी राज्यों के विद्यार्थियों की फाइलें प्रतिनिधियों से तैयार करा रहे हैं। इससे कॉलेजों में दस हजार तक प्रवेश होने की उम्मीद की जा रही है। राजधानी के जिन कॉलेजों में अभी तक जीरो प्रवेश हुए है उनमें आल सेंट 2007, मां बगलामुखी 2009, भाभा 2003, भोपाल इंस्टीट्यूट आफ टेक्नालाजी 2007 व 2009, भोपाल इंस्टीट्यूट आफ टेक्नालाजी एंड साइंस 2009, कोरपेट कॉलेज 2011, आईस्कोम फरर्जून 2008, केदारनाथ पाटीदार 2008, कोपल 2009, लक्ष्मीपति 2008, महलोत्रा 2009, सेम 2007, सत्यम 2009, साशिव 2009, श्रीराम 2009, सुरभी 2008, स्वामी विवेकानंद 2006, विद्यापीठ 2009 कॉलेज शामिल है।