वाराणसी,कालजयी उपन्यासकार मुंशी प्रेमचंद का पैतृक गांव लमही हेरिटेज विलेज घोषित होगा। 31 जुलाई को प्रेमचंद की जयंती से पहले ही इसकी कवायाद शुरू हो गई है। जल्द ही इस गांव को राष्ट्रीय धरोहर का दर्जा मिल जाएगा| लमही को हेरिटेज विलेज बनाने का अहम फैसला वाराणसी मंडल के आयुक्त नितिन रमेश गोकर्ण की अध्यक्षता में हुई बैठक में लिया गया। मंडलाआयुक्त ने लमही को हेरिटेज विलेज घोषित करने की प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिए। बैठक में मुंशी प्रेमचंद की जयंती के मौके पर आयोजित होने वाले लमही महोत्सव कार्यक्रम को अंतिम रूप दिया गया। क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्र प्रमुख डा. रत्नेश वर्मा ने बताया कि लमही में बने मुशी प्रेमचंद स्मारक के अलावा राष्ट्रीय संग्रहालय और पूरे गांव को धरोहर के रूप में संरक्षित करने की योजना बनाई गई है| गांव के प्रवेश द्वार पर बूढ़ी काकी, घीसू और माधव-होरी जैसे कथा पात्रों की प्रतिमाएं भी स्थापित की जाएंगी|
इसके लिए पहले चरण में यूनेस्को द्वारा निर्धारित दस नियम व शर्तें को लेकर विस्तृत सर्वेक्षण कराया जाएगा। जो कुछ कमी दिखाई देगी, उसे दूर करने के बाद हेरिटेज विलेज घोषित करने की बाकी प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा| इस बार काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के सहयोग से तीन दिवसीय लमही महोत्सव का का आयोजन किया जाएगा| रामचरित मानस के रचनाकार गोस्वामी तुलसीदास की कुटिया को जाने वाले भदैनी मार्ग पर भव्य तुलसी द्वार बनाने की योजना भी बनाई गई है| भाजपा काशी क्षेत्र के अध्यक्ष एवं एमएलसी लक्ष्मण आचार्य ने तुलसी द्वार का निर्माण कराने की घोषणा रविवार को की। बताया कि पर्यटन विभाग की देखरेख में इसका निर्माण किया जाएगा| उन्होंने बताया कि इस परियोजना पर जल्दी ही काम शुरू किया जाएगा|
हेरिटेज विलेज बनेगा मुंशी प्रेमचंद का गांव लमही
