भोपाल, मध्य प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे सप्ताह की शुरुआत हंगामें के बीच हुई। यहां शून्यकाल में जहां कांग्रेस विधायक सुंदरलाल तिवारी ने नरोत्तम मिश्रा को विधानसभा प्रश्नोत्तरी में मंत्री लिखे जाने के मामले को उठाया तो वहीं सत्ता पक्ष ने हंगामा कर दिया और दलित के अपमान मामले को लेकर विपक्ष को घेरने की कोशिश की। अध्यक्ष डॉ सीतासरन शर्मा ने व्यवस्था देते हुए कहा कि चूंकि नरोत्तम मिश्रा का मामला न्यायालय में विचाराधीन है अत: उस विषय पर यहां कोई चर्चा नहीं होगी। यह बात हो ही रही थी कि भाजपा सदस्य यशपाल सिंह सिसौदिया ने विपक्ष पर दलित विरोधी मामले को उठाकर निशाना साधने की कोशिश की। इस पर कांग्रेस के हेमंत सत्यदेव कटारे ने कहा कि यह असत्य कथन है। उनके साथ ही महेंद्र सिंह कालूखेड़ा, आरिफ अकील, गोविन्द सिंह आदि ने सत्ता पक्ष को दलित विरोधी करार देने की भरसक कोशिश की।
नेताप्रतिपक्ष अजय सिंह ने सत्ता पक्ष के व्यवहार पर आपत्ति दर्ज कराते हुए कहा कि जो इस सदन का सदस्य ही नहीं है उसका नाम लेकर इस प्रकार हंगामा करना कहां तक उचित है। इस पर सत्ता पक्ष से भी राज्यमंत्री विश्वास सारंग, रामेश्वर शर्मा समेत अन्य सदस्यों ने कांग्रेस को दलित विरोधी बताया। इससे सदन शोर-गुल में समाता चला गया। इसे देख अध्यक्ष ने सदन की कारर्वाई को अपरान्ह 3 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। इससे पहले भी हंगामें के चलते अध्यक्ष ने सदन की कार्रवाई 10 मिनट और 15 मिनट के लिए स्थगित कर चुके थे। इस प्रकार सदन में दलित मामला और मंत्री नरोत्तम मिश्रा का मामला छाया रहा, जिस कारण हंगामा हुआ और इस कदर हुआ कि अध्यक्ष दोनों पक्ष को समझाते रहे लेकिन तब भी हंगामा नहीं थमने पर अध्यक्ष ने सदन की कार्रवाई स्थगित कर दी।