भोपाल,आखिर जब चुनाव आयोग से लेकर अदालतों ने भी नरोत्तम मिश्रा को तीन साल के लिए अयोग्य घोषित कर दिया है तो फिर उन्हें विधानसभा के प्रश्नोत्तरी में मंत्री कैसे लिखा जा सकता है? यह बात नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने आज सोमवार को विधानसभा में पत्रकारों से चर्चा करते हुए कही। यहां उन्होंने बताया कि जब इस बात को लेकर कांग्रेस सदस्य ने सदन से पूछा तो सत्ता पक्ष ने यहां-वहां की बातें करना शुरु कर दीं। मुख्य मुद्दे से सदन को भटकाने के लिए सत्ता पक्ष के लोग कांग्रेस सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के बारे में बहुत से बातें कह गए। उन्होंने कहा कि यदि दलित के अपमान की बात ही करते हैं तो उन्हें बताना चाहिए कि क्या मायावती दलित नहीं हैं, फिर उन्हें क्यों नहीं बोलने दिया गया। आखिर संसार की सबसे बड़ी दलित नेता मायावती को इस्तीफा क्योंकर देना पड़ा। क्या यह दलितों का अपमान नहीं है। यहां नेताप्रतिपक्ष अजय सिंह ने संविधान निर्माता डॉ भीमराव अंबेडकर को याद करते हुए कहा कि सरकार में बैठे लोग उनके बनाए हुए संविधान का पालन नहीं कर रहे हैं, क्या यह अपमान नहीं है? इसी के साथ उन्होंने कहा कि प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान अपना मानसिक संतुलन खो चुके हैं, इसलिए अधिकारियों को उल्टा टांगने जैसी बात कह रहे हैं। उन्होंने कहा कि दरअसल उन्हें इस बात का आभास हो गया है कि उनके पैरों तले की जमीन अब खिसक चुकी है और अब वो कोई चुनाव जीतने वाले नहीं हैं। इसलिए इस तरह की बात कर रहे हैं। नेताप्रतिपक्ष ने कहा कि जब अधिकारियों को उनका काम ही नहीं करने दिया जाएगा तो फिर परिणाम कहां से आएंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि अधिकारियों को सभाओं में भीड़ जुटाने से लेकर पौध रोपण और नर्मदा यात्रा जैसे कार्यों में लगाया जाता है ऐसे में वो अपना काम कैसे कर सकते हैं। यहां अनेक पत्रकारों के सवालों का भी जवाब नेताप्रतिपक्ष अजय सिंह ने पूरी शालीनता के साथ दिया और बताया कि इस सरकार में बैठे लोग दलितों का अपमान करते चले आ रहे हैं और लोगों को भ्रमित करने का काम कर रहे हैं।
अयोग्य घोषित नरोत्तम मिश्रा फिर मंत्री कैसे : अजय सिंह
