नई दिल्ली, वर्ष २००८ के मालेगांव विस्फोट मामले में साध्वी प्रज्ञा सिंह को बॉम्बे हाईकोर्ट से मिली जमानत के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। याचिका में उनके खिलाफ मकोका की धारा हटाए जाने के फैसले को भी चुनौती दी है। यह याचिका घटना में मारे गए एक युवक के पिता की ओर से है। गौरतलब है कि इसी साल २५ अप्रैल को २००८ के मालेगांव धमाका केस में बॉम्बे हाईकोर्ट से साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को जमानत मिल गई थी। हाईकोर्ट ने प्रज्ञा पर लगाई गई मकोका धारा को भी हटा दिया था। जिसके बाद मकोका के तहत जुटाए गए सबूत भी केस से निकाल दिए। हालांकि इस मामले में कोर्ट ने कर्नल पुरोहित को जमानत देने से इंकार किया था। हाईकोर्ट ने साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को ५ लाख रु की जमानत राशि और अपना पासपोर्ट एनआईए को जमा कराने और साथ ही ट्रायल कोर्ट में हर तारीख पर पेश होने के आदेश दिए थे। पीठ ने साध्वी को सबूतों से छेड़छाड़ नहीं करने और जब भी जरूरत हो एनआईए अदालत में रिपोर्ट करने का भी निर्देश दिया था। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि पहली नजर में साध्वी के खिलाफ कोई मामला नहीं बनता है।
मालूम हो कि वर्ष २००८ में हुए मालेगांव धमाके में ६ लोगों की मौत हो गई थी और तकरीबन १०० लोग जख्मी हो गए थे। २९ सितंबर २००८ को मालेगांव में एक बाइक में बम लगाकर विस्फोट किया था। साध्वी प्रज्ञा पर भोपाल, फरीदाबाद की बैठक में धमाके की साजिश रचने के आरोप लगे थे। साध्वी और पुरोहित को २००८ में गिरफ्तार किया था।
साध्वी प्रज्ञा को मिली जमानत के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील
