लखनऊ, विधानभवन में मिले संदिग्ध पाउडर के पीईटीएन होने की पहेली अब तक उलझी हुई है| अफसरों के अनुसार इस रहस्य पर मामला साफ होने में अभी सात दिन और लग सकते हैं| एनआईए ने गुरुवार तक यह जांच अपने हाथ में नहीं ली है। इस बीच पाउडर को एक और जांच के लिए सीएफएसएल हैदराबाद भेजा गया है। वहां से रिपोर्ट आने में सात दिन का समय लग सकता है|
सूत्रों के मुताबिक एफएसएल लखनऊ के परीक्षण में बरामद पाउडर के पीईटीएन होने की पुष्टि नहीं हुई है| आईजी विजय सिंह मीणा ने बताया कि अब तक जांच रिपोर्ट डीजीपी मुख्यालय को नहीं मिली है। इस मामले की जांच एनआईए से कराने के आदेश अब तक नहीं हो पाए हैं| माना जा रहा है कि पाउडर के पीईटीएन होने पर संदेह के बाद केंद्र सरकार इस जांच को एनआईए को देने को तैयार नहीं है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की विधानसभा में घोषणा के बाद यह लगभग तय माना जा रहा था कि जांच एनआईए को सौंप दी जाएगी, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। सूत्रों के मुताबिक जल्द ही एफएसएल के निदेशक पर भी कार्रवाई हो सकती है। सरकार एफएसएल के निदेशक के रूप में आईएएस या आईपीएस को तैनात कर सकती है।