बरेली, कहते हैं कि भगवान के घर देर हैं पर अंदर नहीं हैं इसका ताजा उदाहरण बरेली की एक कोर्ट ने करके दिखाया है। बात 29 साल पहले की है और एक चोरी को अंजाम देने वाले 3 में से 2 दोषियों को अब 5 साल की सजा सुनाई गई है। बरेली की कोर्ट ने 1988 में ट्रेन में 370 रुपयों की चोरी करने के दो आरोपियों को 5 साल जेल की सजा सुनाई है। कोर्ट ने दोषियों पर 10-10 हजार रुपयों का जुर्माना भी लगाया। इस मामले के तीसरे आरोपी की 2004 में मौत हो गई थी। 21 अक्टूबर 1988 को चंद्रपाल, कन्हैया लाल और सर्वेश ने चाय में नशीला पदार्थ मिलाकर ट्रेन में एक यात्री को दिया। यात्री नौकरी के लिए शाहजहांपुर से पंजाब जा रहा था। नशीली चाय देकर इन तीनों ने हुसैन नाम के यात्री की जेब से 370 रुपये निकाल लिए। इस मामले में जिला सरकारी वकील सुरेश बाबू ने बताया,तीनों आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धाराओं 379(चोरी), 328(जहरीला पदार्थ देकर किसी को परेशान करना) और 411(बेईमानी करना) के तहत मामला दर्ज किया गया था।’ साल 2004 में यह बात सामने आई कि मामले के तीसरे आरोपी पाल की मौत हो गई है, जिसके बाद केस अडिश्नल डिस्ट्रिक्ट ऐंड सेशन्स जज की कोर्ट को ट्रांसफर कर दिया गया था। पाल 16 वर्षों तक फरार था।
चोरी का शिकार बने हुसैन अब 59 वर्ष के हो चुके हैं। हुसैन आखिरी बार 2012 में आरोपियों के खिलाफ बयान देने के लिए पहुंचे थे। दोषियों की उम्र भी 60 के आसपास है और यूपी के हरदोई के एक गांव के निवासी हैं। सर्वेश और कन्हैया लाल दोनों इस घटना को अपने जवानी के दिनों की बड़ी भूल बताते हुए पछताते हैं। वे कहते हैं कि उनके जुर्म की असल सजा मामले में चला इतना लंबा ट्रायल है, न कि 5 साल की सजा। सर्वेश ने कहा, ‘हमारे लिए खुशी की बात है कि मामले का ट्रायल खत्म हो गया।’
29 साल बाद, 370 रुपए चुराने की सजा 5 साल की जेल
