गुरुग्राम, कहते हैं कि कई मामलों में कानून अपना काम नहीं कर पाता हैं लेकिन कुछ मामले इसतरह के भी होते हैं कि वहां समाज में कानून पर भरोसा और मिसाल पेश करते है। इसी तरह का एक मामला गुड़गांव का था। जहां एक पब्लिक सेक्टर बैंक में बतौर ट्रेनी काम करने वाले एक आदमी को 32 साल की विधवा महिला के साथ रेप करने के आरोप में दोषी पाया गया। दोषी और पीड़िता, दोनों ही नेत्रहीन हैं। 8 साल की बच्ची की मां ने कोर्ट में दोषी की आवाज से उसे पहचाना। अडिशनल सेशन जज रजनी यादव ने मयूर विहार में रहने वाले 33 साल के सौरभ कपूर को रेप के आरोप में दोषी पाया। आरोपी और पीड़िता की कॉल डीटेल, महिला के बयान, मेडिकल और फ़ारेंसिक रिपोर्ट्स के आधार पर कपूर को गुनहगार पाया गया। अदालत 24 जुलाई को इस मामले में सजा सुनाएगी। सरकारी वकील अरविंद शर्मा ने बताया,’आरोपी और पीड़िता, दोनों बिल्कुल नहीं देख सकते थे इसलिए यह मुश्किल केस था। कॉल डीटेल की मदद से एक ही समय में दोनों की लोकेशन मैच की गईं। दोषी को अदालत में 3-4 बातें बोलने पर मजबूर किया गया ताकि पीड़िता उसकी आवाज पहचान सके।’
दिल्ली में रहने वाली पीडिता महिला ने अपने बयान में लिखा है, ‘2014 में हुई अपने पति की मौत के बाद मैं एक वकील करना चाहती थी। हालांकि, मेरे पति की मौत को आत्महत्या बताया जा रहा था पर मुझे उनकी मौत के पीछे किसी की साजिश मालूम होती थी। मैं इस मामले में जांच करवाना चाहती थी और इसलिए एक वकील से परामर्श लेना चाहती थी। मेरी एक दोस्त ने मुझे सौरभ से मिलाया। सौरभ मुझे एक वकील से मिलाने वाला था,जो इस मामले में मेरी मदद कर सकता था।’ 30 मई 2015 को सौरभ महिला को वकील से मिलाने गुड़गांव लेकर गया। वह वकील से पास ले जाने के बजाय पीड़िता को एक फार्म हाउस में लेकर गया। महिला ने कोर्ट को बताया कि फार्म हाउस में सौरभ ने उसका रेप किया। महिला ने आरोप लगाया कि जब मैं रोने लगी तो उसने मुझे चुप होने को कहा। उसने कहा कि वह मुझसे शादी करेगा। महिला ने कहा,’अगले 5 महीने तक वह शादी का झांसा देकर मेरा यौन शोषण करता रहा। कई बार उसने मुझसे पैसा भी लिया। कई बार उसने मुझझे यह भी कहा कि वह अब इस रिलेशनशिप में नहीं रह सकता।’