भोपाल,गौ रक्षा के नाम पर गुंडागर्दी करना और विशष वर्ग के लोगों की हत्या तक कर देना सही मायने में आरएसएस के एजेंडे का ही एक अहम हिस्सा है। गाय रक्षा के नाम पर आदिवासियों, दलितों, अल्पसंख्यकों पर हमला करने का लाइसेंस आरएसएस इन्हें देती है। ऐसे गुंडों पर मोदी सरकार रोक लगाए वर्ना स्थिति विस्फोटक हो सकती है।
इस आशय की बात सीपीएम की नेत्री वृंदा करात ने राजधानी भोपाल में एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कही। यहां वृंदा ने कहा कि आज मंगलवार को पार्लियामेंट का दूसरा दिन है। सरकार ने इस सत्र में बिल पास करने के लिए एक सूची दी है। उसमें से जुड़े प्राथमिक मुद्दों का एक भी बिल नहीं है। वहीं इस सत्र में सीपीएम तीन प्राथमिक मुद्दों को उठाएगी, जो जनता की जीविका से जुडी है। पहला मुद्दा किसानों से जुड़ा है। मध्य्प्रदेश, महाराष्ट्र, पंजाब जैसे विभिन्न राज्यों में किसान आंदोलनरत हैं। हमारी पार्टी मांग करेगी कि किसानों के फसलों के न्यूनतम मूल्य निति आयोग के माध्यम से नहीं बल्कि स्वामीनाथन कमीशन के रिपोर्ट से होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि स्वयं प्रधानमंत्री मोदी ने चुनाव के समय वादा किया था कि किसानों की फसलों के न्यूनतम मूल्य स्वामीनाथन कमीशन की रिपोर्ट के आधार से ही तय होगी। प्रधानमंत्री ये वादा भूल सकते हैं, लेकिन किसान और किसान के हितों के लिए लड़ने वाली पार्टियां नहीं।
सीपीएम नेत्री ने यहां कहा कि दूसरा मुद्दा महिला आरक्षण बिल है। उन्होंने कहा कि महिला आरक्षण बिल को भाजपा ने अपने एजेंडे में कभी शामिल ही नहीं किया। बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का नारा तो ये सरकार देती है, लेकिन बेटी बढ़ाओ का नारा ये सरकार कभी नहीं देती है। इनकी मानसिकता बस इतनी है कि बेटी को घर के चार दीवारी में कैद कर के रखो। प्रालियामेंट और देश के तमाम विधानसभा को मिलाकर महिलाओं की हिस्सेदारी केवल 8 प्रतिशत है। हमारी पार्टी इस सत्र में महिला आरक्षण बिल पास करवाने की पूरी कोशिश करेगी।
तीसरे मुद्दे की जानकारी देते हुए वृंदा करात ने कहा कि सीपीएम पार्लियामेंट के इस मानसून सत्र में गौ रक्षक दल, जो गाय की रक्षा तो कतई नहीं करते हैं, लेकिन गाय के नाम पर हिंसा जरूर करते हैं, ऐसे गौ रक्षक दलों पर केंद्र सरकार से बैन लगाने की मांग करेगी।
– मुख्यमंत्री चौहान को लिया निशाने पर
मध्यप्रदेश सरकार द्वारा चिकित्सकों के बगल में ज्योतिषियों को बैठाने के फैसले पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को निशाने पर लेते हुए बृंदा करात ने कहा कि एमपी टूरिज्म का स्लोगन है, एमपी गजब है अजब है। लेकिन यहां मुख्यमंत्री ने अजब और गजब का दूसरा परिभाषा रच दिया है। डॉक्टर के बगल में नर्स को बैठते सुना है, सीनियर डॉक्टर को बैठते सूना है, लेकिन यहां तो मुख्यमंत्री ज्योतिष को बिठा रहे हैं।
उन्होंने भारत के सेनाध्यक्ष के विवादित ब्यान “हमें कोई धमकाए नहीं, हम ढाई मोर्चे पर लड़ने में सक्षम हैं” पर कहा कि ये बिलकुल गलत और गैर जिम्मेदाराना ब्यान है। एक सेना अध्यक्ष को कतई ऐसा ब्यान नहीं देना चाहिए जिससे देश का माहौल बिगड़े।
पाकिस्तान के साथ हिन्दुस्तान के तनावपूर्ण रिश्तों पर बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि बीजेपी की सरकार जब जब केंद्र में आती है, तब-तब हमारे रिश्ते पड़ोसियों के साथ बिगड़ते हैं। हालांकि बाजपेयी जी की सरकार और मोदी सरकार में बेहद फर्क है। मोदी सरकार की विदेश नीति खुद उन पर केंद्रित है और वो खुद ही विदेश मंत्रायलय संभालते हैं। जबकि विदेश नीति एक स्थायी नीति के आधार पर होना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने चीन से भारत के रिश्तों पर भी अपनी बेबाक राय रखी और कहा कि हमारी साफ़ समझ है, पड़ोसियों के साथ प्यार का रिश्ता रहे। सरकार की ये जिम्मेदारी है कि अपने देश के हितों के साथ पड़ोसियों से प्यार का रिश्ता कैसे बना रहे। मोदी सरकार जब से आई है तब से पड़ोसियों के साथ हमारा रिश्ता बेहद ही तनावपूर्ण रहा है।