भोपाल,भारत भवन में चल रहे जयशंकर प्रसाद समारोह में रविवार रात को प्रसिद्ध कामायनी रचना का कत्थक शैली में अनु सिन्हा और उनकी शिष्य मण्डली द्वारा रूपांतरण की शानदार प्रस्तुति दी गई ।अनु जयपुर घराने के गुरु पंडित राजेंद्र गंगानी की शिष्या हैं। अनु ने कहा की अगर दर्शन कामायनी का मेरुदंड है तो ललित उसकी काया। इन दोनों का तालमेल ही इसकी शानदार प्रस्तुति की खासियत रहा। इसमें मनु की प्रलय के बाद की चिंताओं को भी रेखांकित किया गया तो मनु के कर्म में लिप्त भाव को भी मनमोहक अंदाज में प्रस्तुत किया गया।
आनंद मनुष्य को श्रद्धा से मिलाता है
