नई दिल्ली, सबकुछ ठीकठाक रहा तो 2019 के चुनाव के पहले देश में बुलेट ट्रेन आ जायेगी। स्पेन की कंपनी इनको-टिप्सा-आइसीटी ने दिल्ली-कोलकाता बुलेट ट्रेन परियोजना की ड्राफ्ट रिपोर्ट रेलवे बोर्ड को सौंप दी है। इतना ही नहीं इस बुलेट ट्रेन का लाभ उत्तर प्रदेश और बिहार के लोगों को भी मिलेगा। बिहार में जहां बुलेट ट्रेन पटना में रुकेगी, वहीं उत्तर प्रदेश में वाराणसी और लखनऊ में स्टॉपेज होगा। वर्तमान समय में अगर आप हवाई जहाज से दिल्ली से कोलकाता जाते हैं तो करीब दो घंटे का वक्त लगता है, लेकिन बुलेट ट्रेन 5 घंटे 30 मिनट में यहां पहुंचा देगी। बुलेट ट्रेन का लाभ उत्तर प्रदेश और बिहार के लोगों को भी मिलेगा। बिहार में जहां बुलेट ट्रेन पटना में रुकेगी, वहीं उत्तर प्रदेश में वाराणसी और लखनऊ में स्टॉपेज होगा। यूं तो यह परियोजना 13 साल में पूरी होगी, लेकिन पहले चरण में दिल्ली से वाराणसी के बीच आठ साल के अंदर ही बुलेट ट्रेन दौडऩे लगेगी। बुलेट ट्रेन से दिल्ली से वाराणसी के बीच की दूरी को महज 2 घंटे 37 मिनट में तय किया जा सकेगा। पहले चरण में दिल्ली-वाराणसी 720 किमी लंबे रूट का निर्माण होगा। इस पर 52,680 करोड़ की लागत आएगी।
दिल्ली से लखनऊ का सफर 1 घंटे 38 मिनट में पूरा कर सकेंगे। दूसरा चरण वाराणसी-पटना का होगा, लगभग 228 किलोमीटर निर्माण में दो साल लगेंगे और तकरीबन 22 हजार करोड़ की लागत आएगी। बुलेट ट्रेन इस दूरी को मात्र 54 मिनट में पूरा कर लेगी। दिल्ली से पटना की दूरी करीब एक हजार किलोमीटर है, जिसे महज 3.30 मिनट में तय किया सकेगा। दिल्ली से कोलकाता की दूरी 1474.5 किलोमीटर है, जिसे महज 5 घंटे 30 मिनट में पूरा किया सकेगा।
कितना होगा किराया
इस हाईस्पीड बुलेट ट्रेन का किराया 4.5 रुपये प्रति किमी आंका गया है। यानी दिल्ली से लखनऊ का किराया 1980 रुपये और दिल्ली से वाराणसी का 3240 रुपये और दिल्ली से कोलकाता का किराया 6636 रुपये हो सकता है।
कितनी होगी स्पीड
इस ट्रेन की स्पीड 250 किलोमीटर प्रति घंटा होगी। मालूम हो कि फिलहाल देश की सबसे तेज चलने वाली ट्रेन स्वर्ण शताब्दी नई दिल्ली से लखनऊ साढ़े छह घंटे जबकि, बनारस पहुंचने में राजधानी सुपर फास्ट को 9 घंटे और पटना 12 घंटे में पहुंचती है। दिल्ली से कोलकाता दुरंतो 17 घंटे में पहुंचाती है।