मुंबई,अर्थशास्त्र के नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्यसेन पर बनी एक फिल्म को कोलकाता में प्रदर्शित नहीं किया जाएगा। कोलकाता के अर्थशास्त्री सुमन घोष ने बनाया था। इस फिल्म डॉक्यूमेंट्री का नाम ‘द आर्ग्यूमेंटेटिव इंडियन’ है, जिसके कुछ हिस्सों पर भारतीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) ने कैची चला दी है। दरअसल, इस डॉक्यूमेंट्री में अमर्त्य सेन के उस बयान पर सेंसर बोर्ड ने कैची चला दी है, जिसमें उन्होंने गुजरात, हिन्दू-भारत, गाय और भारत का हिंदुत्ववादी दृष्टिकोण जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया है। सेंसर बोर्ड के अधिकारियों ने घोष से कहा था कि अगर वो इन शब्दों को बीप कर दें तो उन्हें यूए प्रमाणपत्र मिल सकता है। बताते चलें कि फिल्म में देश के वर्तमान राजनीतिक हालात पर बातचीत के दौरान इन शब्दों का प्रयोग हुआ है। हालांकि, घोष ने इन आपत्तियों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि सेंसर बोर्ड के इस रवैये से डॉक्यूमेंट्री की जरूरत और भी साफ हो जाती है। उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक देश में सरकार की आलोचना पर ऐसा प्रतिबंध हैरान करने वाली है।
साथ ही घोष ने कहा कि हमारे समय के सर्वश्रेष्ठ चिंतकों में से एक के कहे शब्दों को मैं किसी भी हालात में बीप नहीं करूंगी। फिल्म दो हिस्सों में शूट की गई है। फिल्म का कुछ हिस्सा साल 2002 का है और बाकी हिस्सा साल 2017 का। फिल्म में अमर्त्य सेन ने गुजरात शब्द का प्रयोग कॉर्नेल यूनिवर्सिटी में दिए गए एक लेक्चर में किया है। फिल्म में उस लेक्चर का अंश शामिल किया गया है। वहीं, फिल्म में गाय शब्द का भी इस्तेमाल किया है जो बहस और संवाद की जरूरत पर जोर देता है।
सेंसर बोर्ड ने अमर्त्य सेन के बयान पर चलाई कैची
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