नई दिल्ली,पिछले कुछ दिनों से सिकिम्म विवाद के कारण भारत और चीन के संबंधों में तानातनी चल रही हैं चीन की सरकारी मीडिया इस मामले में लगातार भारत को धमकी दे रही है। इस बीच सोमवार को शुरु हुए ऑपरेशन मालाबार से एक बार फिर चीन बौखलाया हुआ है। सोमवार से हिंद महासागर में भारत, अमेरिका और जापान ने युद्ध अभ्यास शुरू कर दिया है। इस अभ्यास को ऑपरेशन मालाबार नाम दिया गया है। आपको बता दें कि मालाबार अभ्यास दुनिया के इतिहास का सबसे बड़ा नौसेनिक युद्धाभ्यास है। भारत अमेरिका और जापान के जंगी बेड़े और लड़ाकू विमानों के साथ चेन्नई के तट के करीब होने वाला ये अभ्यास दुश्मनों को दहलाने वाला है। इस अभ्यास के दौरान लगभग 20 जंगी जहाज और दर्जनों फाइटर जेट्स मंडराएंगे तो इनकी गर्जना बीजिंग तक सुनाई देगी।
भारत, अमेरिका और जापान के बीच हिंद महासागर में होने वाला ये सैन्य अभ्यास वैसे तो हर साल ही होता है, लेकिन इस बार इस युद्धाभ्यास की धमक चीन को बेचैन कर रही है। हिंद महासागर में चीन की बढ़ती दादागीरी और पड़ोसी देशों के साथ जमीनी और समुद्री सीमाओं को लेकर लगातार बढ़ रहे चीन के विवादों के बीच तीन देशों की नौसेनाओं का ये जंगी अभ्यास चीन को मुकम्मल संदेश देगा कि हिंद महासागर को कोई भी देश अपनी बपौती समझने की खुशफहमी न पाले।
यह अभ्यास 10 जुलाई से लेकर 17 जुलाई तक चलेगा, एक्सरसाइज में भारत-अमेरिका-जापान की नौसेना शामिल हैं। चेन्नई तट से लेकर बंगाल की खाड़ी तक ये एक्सरसाइज होगी, जिसमें 20 जंगी जहाज, दर्जनों फाइटर जेट्स, 2 सबमरीन, टोही विमान शामिल होंगे। भारत की ओर से इस अभ्यास का सबसे बड़ा आकर्षण होगा एयरक्राफ्ट कैरियर आईएनएस विक्रमादित्य, 2013 में नेवी शामिल किए जाने के बाद मिग-29 फाइटर जेट्स से लैस आईएनएस विक्रमादित्य इस तरह के पूर्ण सैन्य अभ्यास में पहली बार शामिल हो रहा है।
ऑपरेशन मालाबार में आईएनएस विक्रमादित्य पहली बार शामिल
