बैलों की जगह बेटियों की मदद से खेत जोत रहा किसान

सिहोर,मध्यप्रदेश में अब तक के सबसे बड़े किसान आंदोलन के बाद किसानों की स्थिति को लेकर कई वाकए सामने आ रहे हैं। इससे मध्यप्रदेश के किसानों की तंगहाली सामने आने लगी है।
ताजा मामले में सीहोर जिले के बसंतपुर पांगड़ी गांव के एक किसान ने बैल खरीदने के पैसे नहीं होने पर खेत जोतने के लिए बैलों की जगह अपनी बेटियों को लगा दिया।
सरदार काल्हा नाम के इस किसान का कहना है कि बैल खरीदने और उनके पालन-पोषण के लिए पैसे नहीं हैं। आर्थिक तंगी के कारण मेरी बेटियों ने स्कूल की पढ़ाई छोड़ दी है।
तंगी के कारण छोड़ी पढ़ाई
किसान की दोनों बेटियों, 14 वर्षीय राधिका और 11 वर्षीय कुंती को आर्थिक तंगी के कारण स्कूल छोडऩा पड़ा है। राज्य में आर्थिक तंगी के कारण की किसान आत्महत्या कर चुके हैं। लेकिन, काल्हा ने मजबूर होकर आर्थिक तंगी के बीच खेतों में अपनी ही बेटियों को बैलों की जगह इस्तेमाल करना शुरू कर दिया।
योजनाओं के अनुसार करेंगे मदद
जिले के जनसंपर्क अधिकारी आशीष शर्मा ने कहा कि प्रशासन इस मुद्दे को देख रहा है और सरकारी योजनाओं के तहत उपयुक्त मदद मुहैया करवाई जाएगी। किसान से कहा गया है कि वह हल खींचने के लिए अपनी बेटियों को न लगाएं।

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