भोपाल,आईपीएस अफसर गौरव राजपूत की मुश्किलें बढ़ गई हैं। बालाघाट एडीजी जी जर्नादन ने भाजपा नेत्री प्रतिभा बजाज आत्महत्या कांड में नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. विशंभर प्रसाद लालवानी से दस लाख रुपए वसूलने के मामले में दोषी करार दिया है। उनके साथ ही कटनी के माधवनगर थाने की टीआई, एक प्रधान आरक्षक और तीन आरक्षकों को भी मामले में दोषी पाया गया है। एडीजी की जांच रिपोर्ट में दोषी पाए गए आईपीएस सहित सभी छह पुलिसकर्मियों को अब विभागीय जांच का सामना करना होगा। जानकारी के अनुसार कटनी के नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. विशंभर प्रसाद लालवानी ने पुलिस महानिदेशक से एसपी राजपूत की शिकायत की थी। डॉ.लालवानी के अनुसार तत्कालीन पुलिस अधीक्षक गौरव राजपूत ने उन्हें भाजपा नेत्री प्रतिभा बजाज सुसाइड केस में फंसाकर जेल भिजवाने की धमकी दी थी। राजपूत पर आरोप है कि उन्होंने डॉ.लालवानी से इस केस में फंसाने की धमकी देकर 10 लाख रुपए वसूले थे। डॉक्टर का आरोप था कि एसपी ने टीआई गायत्री सोनी को चार आरक्षकों के साथ उनके क्लीनिक भेजकर 10 लाख रुपए वसूले। शिकायत के बाद जांच पर बालाघाट एडीजी जी जनार्दन को मामले की जांच का दायित्व दिया गया था।
-यह था मामला
भाजपा नेत्री प्रतिभा बजाज की जलने के कारण इलाज के दौरान जबलपुर अस्पताल में 29 दिसंबर 2015 को मौत हो गई थी। कटनी जिला अस्पताल में पुलिस को दिए प्राथमिक बयान में प्रतिभा ने स्वीपर सोनिया उर्फ जयंती लंगोटे को आत्महत्या के लिए जिम्मेदार ठहराया था। वहीं जबलपुर में मृत्यु पूर्व बयान में आत्महत्या के लिए उसने पांच अन्य लोगों को भी जिम्मेदार ठहराया था। तब डॉ. लालवानी को भी धारा 120बी के तहत आरोपी बनाया गया था।