मुंबई केन्द्रीय जांच व्यूरो (सीबीआई) ने 1993 के बम धमाकों के मामले में दोषी ठहराए गये अंडरवर्ल्ड डॉन अबू सलेम के लिए उम्रकैद की सजा मांगी है। टाडा अदालत ने पिछले महीने अबू सलेम को मामले में दोषी ठहराया था। कयास लगाए जा रहे थे कि सीबीआई अबू सलेम के लिए फांसी की सजा की मांग कर सकती है। सीबीआई ने प्रत्यर्पण संधि के आधार पर अदालत में मांग की है कि अबू सलेम को उम्रकैद की सजा मिलनी चाहिए। अबू सलेम को पुर्तगाल से 2005 में प्रत्यर्पण के जरिए भारत लाया गया था। इस प्रत्यर्पण संधि के हिसाब से उसे अधिकतम 25 साल की सजा दी जा सकती है। दोषी ठहराए लोगों की सजा तय किए जाने की सुनवाई के दौरान कोर्ट में सरकारी वकील ने कहा कि अबू सलेम को उम्र कैद की सजा दी जानी चाहिए। मामले में दोषी ठहराए जाने से कई महीने पहले 48 वर्षीय अबू सलेम ने यूरोपियन कोर्ट ऑफ ह्यूमन राइट्स (ईसीएचआर) में याचिका दाखिल करके अपने पुर्तगाल वापसी की मांग की थी। उसने भारत में अपनी मौजूदगी और न्यायिक कार्रवाई (ट्रायल) दोनों को ही गैरकानूनी ठहराया है। बिल्डर प्रदीप जैन की हत्या के मामले में दोषी ठहराए जाने के एक साल पहले 2014 में लिसबन की अदालत ने अबू सलेम के प्रत्यर्पण के फैसले को खारिज कर दिया था। पुर्तगाल की अदालत में सलेम ने दलील दी थी कि उसके खिलाफ ऐसे मामलों में ट्रायल चल रहा है, जिसमें उसे मौत की सजा हो सकती है। हालांकि, कोर्ट ने यह भी कहा था कि सलेम की पुर्तगाल वापसी पुर्तगाली सरकार की जिम्मेदारी है। अब सलेम पुर्तगाल के खिलाफ ईसीएचआर की शरण में पहुंचा है। वह चाहता है कि ईसीएचआर पुर्तगाली सरकार से उसकी वापसी सुनिश्चित कराए। इसी मामले में दोषी करार दिए जा चुके मुस्तफा दोसा हाल ही में मौत हो गई।
CBI ने 93 बम धमाकों के दोषी अबू सलेम के लिए उम्रकैद की सजा मांगी
