नई दिल्ली,सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि कलकत्ता हाई कोर्ट के तत्कालीन न्यायाधीश सी.एस. कर्नन के बयानों ने न्याय प्रणाली को हास्यास्पद बनाया है। कोर्ट ने कर्णन को अदालत की अवमानना का दोषी ठहराने वाला आदेश बुधवार को जारी कर दिया। प्रधान न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली 7 जजों की संविधान पीठ ने अपने फैसले में कहा है कि जस्टिस कर्नन ने न्याय प्रणाली का मजाक बनाया। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि कर्नन ने हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के जजों के खिलाफ जो आपत्तिजनक बयान दिया था उसने न्याय प्रणाली को हास्यास्पद बनाया था। विदेशी मीडिया ने इसे काफी तूल दिया था। प्रधान न्यायाधीश जेएस खेहर ने अपने फैसले में लिखा है कि कर्नन ने जो ऐक्शन किया और लेटर लिखकर आपत्तिजनक गंभीर आरोप जजों के खिलाफ लगाए थे वह जुडिशरी को अपमानित करने वाला था और इस कारण यह मामला अदालत की अवमानना का बना।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि ऐसा पहले कभी नहीं हुआ और न ही होना चाहिए। कर्नन ने जो किया है वह अदालत की अवमानना का सबसे गंभीर मामला है। सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता हाई कोर्ट के तत्कालीन जस्टिस सीएस कर्नन को अवमानना का दोषी करार देने वाले फैसले को जारी किया। 7 जजों की बेंच ने कर्नन को अदालत की अवमानना का दोषी करार देते हुए 9 मई को 6 महीने कैद की सजा सुनाई थी। बाद में कर्नन को उनके रिटायरमेंट के बाद गिरफ्तार किया गया और वह जेल में हैं।
कर्नन के बयानों ने न्याय प्रणाली को हास्यास्पद बनाया – सुप्रीम कोर्ट
