पटना,नीतीश कुमार का नाम कभी लालू यादव की जुबान पर होता था, किन्तु अब वे उनका नाम लेने से भी कतराते हैं। राजद के 21वें स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम राजद सुप्रीमो लालू यादव ने बीजेपी के खिलाफ समान विचारधारा के नेताओं और पार्टियों को एक साथ आने की अपील की लेकिन बिहार सरकार में सहयोगी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम नहीं लिया। उन्होंने कहा, “चाहे वे मायावती हो, अरविंद केजरीवाल, ममता, प्रियंका गांधी, राबर्ट वाड्रा सभी को तोड़ने की कोशिश की जा रही है, क्योंकि वे जानते हैं कि सब एक हो जाएंगे तो भाजपा खत्म हो जाएगी।” लालू ने प्रियंका परिवार का नाम क्यों लिया यह भी चर्चा का विषय है। क्या उनका भी राहुल गांधी से मोहभंग हो चुका है ?
उधर, दिल्ली में भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील मोदी ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “नीतीश कुमार का लालू यादव के साथ उस तरह का मेल नहीं है जैसा उनका बीजेपी के साथ था। उन्होंने कहा, “राजनीति में किसी भी चीज की भविष्यवाणी नहीं की जा सकती लेकिन मेरी राय में गठबंधन टूटने की कगार पर है। यह पांच वर्षों तक नहीं चलेगा।”
उन्होंने यह भी कहा, “नीतीश कुमार मुझसे बड़े नेता हैं। उनके अगले कदम में बारे में कुछ भी कहना बहुत मुश्किल है। एक ओर वह हमारे राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद का समर्थन करते हैं तो दूसरी ओर वह लालू के मामले में चुप्पी साधे हुए हैं। केवल वही बता सकते हैं कि उनके मन में क्या चल रहा है।” मोदी ने कहा, “नीतीश कुमार के बारे में जिसने भी जल्दबाजी में घोषणा की, वह गलत साबित हुआ है। फिलहाल उनके अगले कदम का इंतजार करें।”
नीतीश कुमार के एनडीए समर्थित राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद को समर्थन देने के बाद बिहार में महागठबंधन में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। बार-बार इन आशंकाओं को बल मिल रहा है कि नीतीश कुमार बीजेपी के पाले में जाने वाले हैं। नीतीश कुमार के इस कदम का कांग्रेस और आरजेडी ने विरोध जताया था। महागठबंधन में शामिल दलों के नेताओं ने खुलकर एक दूसरे के खिलाफ बयानबाजी की थी।