तेलअवीव ,प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज तीन दिवसीय इजराइल यात्रा पर तेलअवीव पहुंचे। जहाँ प्रधानमंत्री बेंजामिन नेत्यायाहु ने उनका प्रोटोकॉल तोड़ कर बेंगुवे एयरपोर्ट पर स्वागत किया। वह भारत के समय के अनुसार शाम 6.30 बजे इजराइल पहुंचे। यह किसी भी भारतीय पीएम की पहली इजराइल यात्रा है। मोदी इजराइल दौरे के दौरान भारतीय फिल्मकारों को इजराइल में शूटिंग पर विशेष छूट,दोनों देशों के बीच वायु संपर्क बढ़ने ,पानी और कृषि के क्षेत्र में साझा परियोजना,दोनों देशों के बीच परस्पर संस्कृतिक आदान -प्रदान के समझौते पर चर्चा करेंगे। इसके बाद मोदी जी 20 देशों के सम्मलेन में भाग लेने जर्मनी जायेंगे।इधर,भारतीय समय के अनुसार दोनों देशों के प्रधानमंत्री रात 10 .30 बजे साझा बयान देंगे।इधर,अपने स्वागत भाषण में नेतन्याहू ने हिंदी में बोला आपका स्वागत है मेरे दोस्त। जबकि प्रधानमंत्री मोदी ने अपने स्वागत भाषण की शुरुआत हिब्रू भाषा से की और कहा की भारत दुनिया की सबसे पुरानी सभ्यता का युवा देश है। उन्होंने कहा की दोनों देश आतंकबाद के खिलाफ मिलकर लड़ेंगे। मोदी ने अपने अभूतपूर्व स्वागत के लिए इजराइल का आभार माना और कहा की उनके लिए इजराइल आना सम्मान की बात है।नेतन्याहू ने कहा कि भारत और इस्राइल के बीच सहयोग की असीमित संभावनाएं हैं। इस्राइली प्रधानमंत्री ने नरेंद्र मोदी को ‘एक महान वैश्विक नेता करार देते हुए कहा कि हम और बहुत कुछ कर सकते हैं, साथ मिलकर बेहतर कर सकते हैं।’ उन्होंने कहा कि भारतीय और इस्राइली स्वाभाविक दोस्त हैं।
नेतन्याहू ने पीएम मोदी से कहा, हम भारत से प्यार करते हैं। हम काफी लंबे वक्त से आपका इंतजार करते रहे हैं। हम 70 सालों से (किसी भारतीय प्रधानमंत्री के इस्राइल दौरे का) इंतजार करते रहे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ‘यह मेरा सौभाग्य है कि इस्राइल आने वाला पहला भारतीय प्रधानमंत्री हूं। इस्राइल आने पर मेरे इस भव्य स्वागत और खुद मेरे मित्र पीएम नेतन्याहू के एयरपोर्ट पर मौजूद रहने का धन्यवाद। मेरा ये दौरा दोनों देशों के मजबूत रिश्ते का प्रतीक है।’
पीएम मोदी ने कहा, भारत की सभ्यता बहुत पुरानी है, लेकिन हमारा देश युवा है। हमारी युवा शक्ति बदलाव की ताकत है’। उन्होंने कहा, इस्राइल के साथ मजबूत और स्थिति के अनुकूल संबंध बनाना मेरा इरादा है और इस पर मेरा ध्यान है।
‘स्वाभाविक साझीदारी’ को उजागर किया
इससे पहले इस्राइल की ऐतिहासिक यात्रा के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके इस्राइली समकक्ष बेंजामिन नेतन्याहू ने मिलकर लिखे एक ब्लॉग में दोनों देशों के बीच गहरे जुड़ाव तथा ‘स्वाभाविक साझीदारी’ के साथ-साथ भारत तथा इस्राइल के एक दूसरे का पूरक होने की योग्यता को याद किया। ‘द टाइम्स ऑफ इंडिया’ में प्रकाशित संपादकीय में दोनों प्रधानमंत्रियों ने लिखा, “हम दोनों के देश जटिल हैं।।। जिस तरह यौगिक आसनों में ज़मीन की ओर जाना तथा ऊपर उठना एक साथ होता है, इसी तरह दोनों देशों को भी कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।।। एक साथ काम कर हम इनमें से कुछ चुनौतियों से पार पा सकते हैं..।”
प्रधानमंत्री-द्वय ने लिखा, “हमें पूरा विश्वास है कि आज से 25 साल बाद भारतीय और इस्राइली इस यात्रा को उन बहुत-से ऐतिहासिक मील के पत्थरों में से पहले पत्थर के रूप में याद करेंगे, जिन्हें हमारे लोगों के बीच गहरी मित्रता के बूते हम मिलकर हासिल करेंगे..”
संयुक्त संपादकीय में दोनों प्रधानमंत्रियों ने उन क्षमताओं, विशेषकर तकनीक के क्षेत्र में, पर ज़ोर दिया है, जो उनके शब्दों में ‘एक दूसरे की पूरक बन सकने वाली क्षमताओं का अद्भुत सम्मिश्रण’ हैं, और जिनके बूते भारत और इस्राइल के बीच मजबूत संबंध स्थापित हुए हैं। दोनों नेताओं ने आतंकवाद से निपटने पर भी ज़ोर दिया है, जिसकी वजह से दोनों देशों तथा समूचे विश्व में शांति और स्थायित्व को खतरा पैदा हो गया है।
भारत परंपरागत रूप से इस्राइल के साथ अपने संबंधों में सतर्कता बरतता रहा है, और उसकी एक वजह कथित रूप से अरब देशों की नाराज़गी के प्रति सतर्क रहना है, क्योंकि अपने तेल के भारी आयात के लिए वह इन्हीं अरब देशों पर निर्भर करता है, और इसके अलावा भारत में मुस्लिमों की भी काफी बड़ी आबादी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी यात्रा के दौरान रामल्ला नहीं जाएंगे, जो फिलस्तीनी प्रभुत्व वाला इलाका है, और आमतौर पर सभी विदेशी नेता राजनैतिक संबंधों में संतुलन बनाए रखने के लिए वहां ज़रूर जाया करते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा किसी भी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली इस्राइल यात्रा है। इस तीन-दिवसीय यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच रक्षा, सुरक्षा, जल प्रबंधन, विज्ञान एवं तकनीक, शिक्षा, कृषि व अन्य कई मुद्दों पर गहन चर्चा होगी।
आपका स्वागत है मेरे दोस्त, इजराइल पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी का भव्य स्वागत
