संसद में रचा इतिहास, घंटा बजा, जीएसटी लागू

नई दिल्ली, देश का सबसे बड़ा कर सुधार वस्तु एवं सेवा कर (गुड्स एंड सर्विसेज़ टैक्स, यानी जीएसटी) शुक्रवार-शनिवार की मध्यरात्रि से घंटा बजते ही पूरे भारत में लागू हो गया। यह मौका इस मायने में भी ऐतिहासिक है क्योंकि इसे संसद के ऐतिहासिक सेंट्रल हॉल में राष्ट्रपति डॉ प्रणब मुखर्जी की उपस्थिति में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लॉन्च किया। देश की आज़ादी के बाद से यह चौथा मौका रहा, जब सेंट्रल हॉल में आधी रात को कोई समारोह आयोजित हुआ। इसके पहले पिछले तीनों कार्यक्रम देश की आज़ादी से जुड़े हैं। इसके साथ ही कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों ने इस कार्यक्रम का बहिष्कार किया।जीएसटी को लेकर यह अनुमान जताया जा रहा है कि कई अप्रत्यक्ष करों का स्थान लेने जा रहे जीएसटी से 20 खरब अमेरिकी डॉलर की हमारी अर्थव्यवस्था पूरी तरह बदल जाएगी।
ऐसे ऐतिहासिक रहा कार्यक्रम
संसद के सेंट्रल हॉल में नए गलीचे (कारपेट) बिछाए गए, और नया साउंड सिस्टम लगाया गया। कार्यक्रम रात्रि 11 बजे शुरू हुआ और ठीक मध्यरात्रि के समय घंटा बजाकर जीएसटी के लागू करने की घोषणा कर दी गई। सेंट्रल हॉल के मुख्य मंच पर पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा, लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन तथा उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी भी मौजूद रहीं। पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह को भी निमंत्रण भेजा गया था, लेकिन वे नहीं पहुंचे।
बड़ी हस्तियों ने की शिरकत
सदी के महानायक अमिताभ बच्चन, देश के सबसे बड़े उद्योगपतियों में शुमार रतन टाटा तथा भारत कोकिला कही लता मंगेशकर, आरबीआई के मौजूदा गवर्नर उर्जित पटेल तथा दो पूर्व गवर्नर बिमल जालान व वाईवी रेड्डी भी शिरकत करने पहुंचे। केंद्र सरकार ने सभी सांसदों, सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों तथा सभी राज्यों के वित्तमंत्रियों को कार्यक्रम का निमंत्रण दिया था।
इन्होंने किया बहिष्कार
कांग्रेस, वामदल, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का पार्टी तृणमूल कांग्रेस, द्रविड़ मुनेत्र कषगम (डीएमके) तथा बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) जैसे विपक्षी दलों ने कार्यक्रम का बहिष्कार किया। जनता दल यूनाइडेट (जेडीयू) नेता तथा बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जीएसटी का समर्थन किया है, लेकिन वे कार्यक्रम में शामिल नहीं हो पाये।
नोटबंदी की तरह जीएसटी भी बिना तैयारी लागू कर दिया : राहुल
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि जीएसटी में बहुत संभावनाएं हैं, लेकिन अपना प्रचार करने के लिए इसे आधे अधूरे स्वरूप में जल्दबाजी में लागू किया गया। नोटबंदी की तरह ही जीएसटी को एक अक्षम और असंवेदनशील सरकार द्वारा संस्थागत तैयारी के बगैर लागू किया गया। भारत में ऐसे जीएसटी को लाए जाने की जरूरत है जो करोड़ों नागरिकों, छोटे व्यवसायियों और कारोबारियों को इतनी चिंता में नहीं डालें।
किसने क्या कहा
यह ऐतिहासिक है, क्योंकि पहले देश का एकीकरण हुआ था, आज हम आर्थिक एकीकरण किया है।
-वेंकैया नायडू, शहरी विकास मंत्री
आधी रात को होने वाला भव्य कार्यक्रम असहिष्णुता, किसानों के मुद्दे जैसी समाज की कड़वी सच्चाइयों, जिन्हें अनदेखा नहीं किया जा सकता, को अनदेखा कर रहा है।
– आनंद शर्मा, कांग्रेस सांसद
कोई भी लेनदेन बिना दिक्कतों के नहीं हो सकता, लेकिन हम इसे जितना हो सके, दिक्कतों के बिना करेंगे। लोग आश्वस्त गलती होने पर किसी को परेशान नहीं किया जायेगा।
-हसमुख अधिया, राजस्व सचिव
मध्य प्रदेश को फायदा ही होगा : जयंत मलैया
मध्य प्रदेश के वित्त मंत्री जयंत मलैया ने कहा कि, जीएसटी से प्रदेश की सेहत पर कोई असर नहीं पड़ेगा। मध्यप्रदेश एक उपभोग करने वाला राज्य है, इसलिए इसे हर तरह से फायदा ही होगा। रही बात व्यापारियों के विरोध की, तो हम उनकी मदद के लिए हर वक्त तैयार हैं।
1 सितंबर से लागू हो जीएसटी – गोविंद गोयल
मध्यप्रदेश चेंबर ऑफ कॉमर्स की एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए चेंबर ऑफ कॉमर्स के उपाध्यक्ष गोविंद गोयल ने कहा कि मध्य प्रदेश में अभी कारोबारी खासतौर से ग्रामीण क्षेत्र में काम करने वाले छोटे कारोबारी जीएसटी को लागू करने की स्थिति में नहीं है। इसलिए मध्यप्रदेश चेंबर ऑफ कॉमर्स जीएसटी को 1 सितंबर से देशभर में लागू किया जाए। क्योंकि दुनिया भर के जितने भी देश जहां वर्तमान में जीएसटी लागू है। उन सभी देशों में जीएसटी की दरें एक समान रखी गई हैं। भारत में जीएसटी की दरों को चार भागों में विभाजित किया गया है।

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