भोपाल,जगतगुरु स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने अपने भोपाल प्रवास के दौरान, राज्य सरकार को सलाह दी है कि ,वह खेती और किसानों को लेकर बिना किसी राजनीति के जिम्मेदारी के साथ अपने दायित्वों का निर्वाह करें। सरकार ने इस स्थिति में यदि किसानों के साथ न्याय नहीं किया, तो किसान खेती से मुंह मोड़ सकते हैं। ऐसी स्थिति में पूरी सामाजिक व्यवस्था को गड़बड़ाने में देर नहीं लगेगी। स्वामी स्वरूपानंद ने स्पष्ट रूप से कहा सरकार असंवेदनशील हो रही है। जब शांतिपूर्ण ढंग से कोई बात कहता है,तो उनकी बातों को गंभीरता से नहीं लिया जाता है। जब आंदोलन या व्यक्ति हिंसक हो जाता है। तभी सरकार उनकी बात सुनती है।यह ठीक नहीं है। शासन और प्रशासन में अफसरशाही हावी हो चुकी है।अधिकारियों और नेताओं को संवेदनशील होने की जरूरत है।
जगतगुरु स्वामी शंकराचार्य नें कहा कश्मीर से जिन पंडितों ने पलायन किया था। उन्हें कश्मीर में पुनर्वास कराने में केंद्र सरकार की भूमिका अहम हैं। उन्होंने कहा कश्मीर में धारा 370 को समाप्त करना चाहिए।उन्होंने यह भी कहा कि कश्मीरी पंडित देशभर में जहां पर भी हो। उन्हें मतदान का अधिकार काश्मीर में भी दिया जाना चाहिए।
स्वामी स्वरूपानंद जी ने सरकारों की संवेदनशीलता को लेकर अपनी स्पष्ट राय रखी। उनका कहना था कि इस समय सबसे ज्यादा ध्यान देने की जरूरत ,खाना और शुद्ध पेयजल को लेकर है।यह दोनों दूषित हो चुके हैं। रासायनिक पदार्थों का उपयोग, खाद्य पदार्थों और पेयजल में बड़ी मात्रा में देखा जा रहा है।जिसके कारण लोग उत्तेजित हो रहे हैं। ऐसी स्थिति में सरकार की जिम्मेदारी है कि वह खानपान में रासायनिक तत्वों का उपयोग ना हो।इसकी व्यवस्था सुनिश्चित करे।