छिंदवाड़ा,छिंदवाड़ा सांसद व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ ने केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली को पत्र लिखा है। पत्र में कमलनाथ ने जेटली से अनुरोध किया है कि चिरौंजी वनोपज को जीएसटी कर से मुक्त रखें। कमलनाथ ने यह पत्र छिंदवाड़ा के स्थानीय व्यवसायियों से मिलने के बाद लिखा है।
जिले के आदिवासी बाहुल्य अंचल के व्यापारी दिल्लीमें कमलनाथ से मिले थे और वनोपज पर लगाये जा रहे जीएसटी (वस्तु एवं सेवाकर) मे रियायत दिये जाने की मांग की है। इस पर कमलनाथ ने अपने पत्र मे जेटली को बताया कि उनके लोकसभा क्षेत्र मप्र के छिंदवाड़ा के अंतर्गत आनेवाले हरई अमरवाडा क्षेत्र मे आदिवासी बहुसंख्या मे निवास करते है। प्रकृति की गोद मे पलने बढऩे वाले यह आदिवासी ग्रामीण ऋतु के अनुसार वनोपज का वनों से संग्रहण कर उन्हें स्थानीय व्यापारियों को बेचते हैं। वनोपज ही इनकी जीविका का प्रमुख साधन है। जिसके अंतर्गत चिरौजी छिंदवाड़ा जिले के आदिवासियों के लिये आय का मुख्य साधन है और इसकी पैदावार भी बहुत कम है। उन्होंने बताया कि आदिवासी वन क्षेत्र से चिरौंजी का संग्रहण कर इसे स्थानीय व्यापारियों को बेचते हैं, जिसमें आसपास के जिले भी जुड़े हैं। कमलनाथ ने पत्र में जेटली को सूचित करते हुये बताया कि चिरौजी जैसी वस्तुओं की कोई ग्रेडिंग नहीं की गई है किंतु स्थानीय टेक्स अधिकारी ने सूचित किया है कि व्यापारी 12 प्रतिशत जीएसटी कर ले रहे है, जबकि कृषि उपज मंडी समिति ने टेक्स से अलग कर दिया है। उन्होंने पत्र में आगे लिखा है कि इन आदिवासियों के संबंध मे व्यापार का उदारीकरण देखते हुये जीएसटी कर शून्य होना चाहिए, क्योंकि आदिवासी गरीबों की पूर्णत: जीविका ऐसी वस्तुओं को एकत्र कर उन्हे व्यापारियों को बेचना है। यदि जीएसटी के अंतर्गत कोई शुल्क लगता है तो इससे व्यापारी एवं आदिवासी दोनो पर ही प्रभाव पड़ेगा।
चिंरौंजी को GST से बाहर रखें : कमलनाथ
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