इंदौर,ऑक्सीजन कांड के बाद अब एमवाय अस्पताल के अधीक्षक डॉ. वी.एस. पाल को हटाने की तैयारी चल रही है। ताकि मामले को शांत किया जा सके। हालांकि प्रशासन ने स्वयं कबूल किया कि अस्पताल में बच्चों की मौत ऑक्सीजन की कमी से नहीं हुई।
गौरतलब है कि एमवाय अस्पताल में कायाकल्प की शुरूआत से ही विवाद हो रहे है। सबसे पहले कायाकल्प का प्रस्ताव बनाने वाले तत्कालीन अधीक्षक डॉ. पी.एस. ठाकुर के खिलाफ मोर्चा खोला गया था। कारण था कि डॉ. ठाकुर ने अस्पताल में कई परिवर्तन किए व वर्षों से चली आ रही विसंगतियों को दूर करना शुरू किया। इसके बाद अस्पताल के कुछ लोगों ने उनको हटाने के लिए साजिश शुरू की और अंतत: हटा दिया गया। इसके बाद आनन-फानन में डॉ. ए.डी. भटनागर को अधीक्षक बनाया गया। वे कुछ समय पद पर रहे लेकिन इतने परेशान हो गए कि हटने के लिए पत्र लिख चुके थे। बाद में डॉ. रामगुलाम राजदान को अधीक्षक बनाया गया। वे विवादों से जुड़ने लगे। अस्पताल में मीडिया के आने पर बैन लगाने सहित कई ऐसे आदेश उन्होंने दिए जो विवादास्पद रहे। अस्पताल में एप्रिन व बेबी सूट खरीदने के बाद उनका नाम भ्रष्टाचार से भी जुड़ा। आखिरकार दो बच्चों की गलत तरीके से हुई मौत में उन्हें पद से हटा दिया गया। इसके बाद आए डॉ. वी.एस. पाल, जिन्हें लगभग डेढ़ साल हो गए। उन्होंने आते ही डॉ. राजदान के कार्यों की समीक्षा शुरू की और जांच बिठा दी। इसके साथ ही अस्पताल में कर्मचारियों को रिश्वत लेते हुए पकड़ना, सीएमओ को सामान्य ओपीडी में बैठाना सहित ऐसे कई काम किए, जिनका विरोध हुआ।
एमवाय अस्पताल के अधीक्षक को हटाया जाएगा
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