नई दिल्ली, जीएसटी व्यवस्था लागू होने के बाद पंजीयन व्यापारियों को वित्तीय वर्ष समाप्त होने के 81 माह बाद तक रिकॉर्ड को अनिवार्य रूप से सुरक्षित रखना होगा। किसी प्रकरण में जांच चल रही है तो टैक्स अधिकारी के आदेश पर 1 साल और उसे अपने दस्तावेजों को सुरक्षित रखना होगा। कारोबारी ने यदि किसी से एडवांस में भुगतान प्राप्त किया है। तो उसका अलग अकाउंट रखना पड़ेगा ।एडवांस में ली गई रकम के सामान की सप्लाई और उसका एडजस्टमेंट भी उसे दिखाना पड़ेगा। व्यापारी किसी भी प्रविष्टि को ना तो मिटा सकेंगे और ना ही ओवर राइट कर सकेंगे।यदि गलत एंट्री हो गई है ,तो उसे अलग कलम में सुधार कर उसको स्वयं प्रमाणित करना होगा।
इलेक्ट्रॉनिक अकाउंट होने की दशा में एडिट, डिलीट की गई एंट्री पर भी यही प्रक्रिया लागू होगी।जीएसटी कानून में निर्माता को हर माह के उत्पादन, कच्चे माल का रिकॉर्ड और तैयार माल, वेस्टेज इत्यादि की संपूर्ण जानकारी रखनी होगी। वहीं सर्विस प्रोवाइडर को सर्विस की सप्लाई की पूरी जानकारी रखना पड़ेगी। अनरजिस्टर्ड कारोबारियों को वेयरहाउस, गोदाम के मालिक, ऑपरेटर को सामान भेजना एवं पाने वाले की जानकारी अनिवार्य रूप से रखना पड़ेगी ।सामान भेजने के लिए जो फॉर्म ईएनआर 01 तैयार किया गया है। उसमें सारी जानकारी का उल्लेख करना होगा।