कोटा,अंधविश्वास के चलते शनिवार को दर्जनों महिलाएं पुरुष एक मृत युवक की आत्मा लेने एमबीएस अस्पताल जा पहुंचे और वहां टोना-टोटका करने लगे। स्टाफ ने उनसे पूछा तो बोले कि वे आत्मा लेने आए हैं। अस्पताल प्रशासन का कहना है कि देश की अलग-अलग जातियों में अलग-अलग अंधविश्वास है और विशेष रूप से तांत्रिक और भोपे हैं, जो लोगों को अपने जाल में फंसाते हैं और इस प्रकार की सलाह देते हैं। हालांकि डाक्टर्स का कहना है कि विज्ञान इसको नहीं मानता है।
दरअसल, करीब दो साल पहले अजमेर जिले के सावर गांव निवासी रमेश की एमबीएस अस्पताल में उपचार के दौरान मात हो गई थी। उसके परिजन करीब तीन दर्जन की संख्या महिलाएं और पुरुष अस्पताल पहुंचे। इनमें से अधिकांश अस्पताल के बाहर ही रुक गए। तीन लोगों ने स्टील का पीपा, मटके, नींबू, कपड़े समेत कुछ सामान निकाला और टोना-टोटका करने लगे, ताकि घरवालों को अब मृतक की आत्मा परेशान नहीं करे।
करीब एक घंटे तक चले इस अंधविश्वास के नजारे को देखने के लिए न केवल लोगों को भीड़ लग गई। करीब दो साल पहले जहां रमेश भर्ती था, उस पलंग के पास करीब पांच मिनट तक टोना-टोटका और ज्योति जलाकर पूजा की, जबकि, शनिवार को उसी पंलग पर एक गंभीर मरीज पहले से ही भर्ती था। इस पूरे मामले में स्टाफ ने भी उन्हें रोकने की कोशिश नहीं की। अस्पताल प्रशासन का कहना है कि टोना-टोटका कर रहे लोगों की संख्या ज्यादा होने से वे चुप हो गए।
अस्पताल में अंधविश्वास का नजारा, मृत युवक की आत्मा लेने पहुंचे लोग
