मुंबई,मुंबई की जीवन रेखा मानी जाने वाली लोकल ट्रेन अब डेथ लाइन बनती जा रही है. ऐसा इसलिए कि हर रोज तकरीबन 12 से 13 लोग विभिन्न रेल दुर्घटनाओं का शिकार होकर अपनी जान गंवा रहे हैं. विगत 15 दिनों की बात करें तो 112 यात्रियों ने रेल दुर्घटनाओं में अपनी जान गंवाई है. हालांकि अधिकांश मामलों में यात्रियों की लापरवाही उजागर होती है. रेल पुलिस के आंकड़ों पर नजर डालने से यह बात सामने आई है कि मध्य, पश्चिम एवं हार्बर मार्ग पर विगत 7 जून से 21 जून तक कुल 112 यात्रियों ने अपनी जान गवाई है. सबसे ज्यादा मौत मध्य रेलवे के ठाणे रेलवे स्टेशन पर दर्ज की गई है. वहां 10 लोगों ने रेल दुर्घटना में जान गंवाया है. वहीं सीएसटी पर 11, हार्बर मार्ग के वाशी स्टेशन पर 8 तथा पश्चिम रेलवे के वसई स्टेशन पर 7 यात्रियों की मौत बीते 15 दिनों के दौरान हुई है. गौरतलब है कि अधिकांश मौत रेल पटरी को पार करने. चलती ट्रेन में चढ़ने या उतरने तथा उपनगरीय गाड़ियों के गेट पर खड़े रहने के चलते खंभे से टकराकर नीचे गिरने से हो रही है. रेल प्रशासन लगातार यात्रियों को ऐसी हरकत नहीं करने की हिदायत देती है, बावजूद इसके लोग मानते ही नहीं हैं. परिणाम स्वरुप हर रोज 11 से 13 लोग विभिन्न रेल दुर्घटनाओं के शिकार हो रहे हैं.
लाइफ लाइन बन रही डेथ लाइन, 15 दिनों में 112 यात्रियों की मौत
