नई दिल्ली, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के यूएस दौरे से पहले भारत अमेरिका के साथ प्रिडेटर ड्रोन के सौदे की तैयारी में है। अधिकारियों ने कहा कि भारत इस ड्रोन की खरीद के लिए अमेरिका पर दबाव भी बना रहा है। पीएम मोदी रविवार को अमेरिका का दो दिवसीय दौरा करेंगे। मोदी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से पहली बार मुलाकात भी करेंगे। डोनाल्ड ट्रंप ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से अप्रैल में मुलाकात की थी। इसके अलावा ट्रंप ने जापान, ब्रिटेन और वियतनाम के नेताओं से भी मुलाकात की थी। नई दिल्ली में चिंता अब इस बात की है कि शायद भारत अब वाशिंटगन की प्राथमिकता में नहीं है।
अमेरिका के साथ २२ प्रिडेटर ड्रोन की डील पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के कार्यकाल के दौरान हुई थी। भारतीय नेवी को अगर ये सर्विलांस ड्रोन मिल जाते हैं तो उसे हिंद महासागर पर नजर रखने में मदद मिलेगी। एक अधिकारी ने बताया ‘हम इस एजेंडे को शीर्ष तक पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं। भारत अमेरिकी हथियारों का बड़ा खरीददार है। समुद्री व्यापार मार्ग पर बीजिंग के फैलाव और चीनी पनडुब्बियों के क्षेत्रीय जल में तेजी से दिखने की घटनाओं के बाद भारत अपनी समुद्री तट की रक्षा करना चाहता है। लेकिन, चर्चा पर नज़र रखने वाले सूत्रों का कहना है कि अमेरिकी विदेश विभाग दक्षिण एशिया में उच्च तकनीक वाले ड्रोनों को शुरू करने के संभावित अस्थिर प्रभाव के बारे में चिंतित है। भारत की अब पूरी कोशिश २२ प्रिडेटर ड्रोन हासिल की करने की है। अमेरिका ने अफगानिस्तान के अलावा कई देशों में इन ड्रोन का इस्तेमाल आतंकियों के खात्मे में किया है। तालिबान के खिलाफ ये ड्रोन बेहद कामयाब रहे हैं। भारत प्रिडेटर का आम्र्ड वर्जन हासिल करना चाहता है।