पटना, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने कहा है कि राष्ट्रपति चुनाव पर वे वही कदम उठाएंगे जो विपक्ष मिलकर तय करेगा। उन्होंने कहा कि नीतीश ने अपने विधायकों से क्या कहा है यह उन्हें नहीं पता। इस तरह राष्ट्रपति चुनाव को लेकर बिहार में महागठबंधन के दो अहम किरदार नीतीश और लालू दो अलग-अलग छोर पर दिख रहे हैं।
बुधवार को नीतीश ने पटना में जेडीयू विधायकों की बैठक बुलाई थी और उसमें कोविंद को समर्थन देने का ऐलान किया। बाद में जेडीयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता केसी त्यागी ने कोविंद को समर्थन का औपचारिक ऐलान किया। उन्होंने कहा कि गुरुवार को होने वाली विपक्ष की बैठक में जेडीयू शामिल नहीं होगी। जेडीयू का एनडीए उम्मीदवार को समर्थन विपक्ष की एकता के लिए बहुत बड़ा झटका है। नीतीश के इस कदम से बिहार में महागठबंधन के भविष्य को लेकर भी कयासों के नए दौर की शुरुआत हो सकती है।
सियासी गलियारों में काफी लंबे समय से जेडीयू और आरजेडी के रिश्तों में तल्खी के कयास लग रहे हैं। दोनों दलों के रिश्तें में तल्खी की अटकलों को उस वक्त बल मिला जब बीजेपी नेता सुशील मोदी के लालू परिवार पर बेनामी संपत्ति के आरोपों के बाद कोई भी जेडीयू नेता लालू परिवार के बचाव में आगे नहीं आया। लालू यादव के परिजनों के ठिकानों पर पिछले महीने इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के छापों के बाद लालू यादव ने कुछ ऐसा ट्वीट किया था जिसका मतलब था कि नीतीश कुमार फिर बीजेपी का हाथ पकड़ने वाले हैं। लालू ने ट्वीट कर कहा था कि भाजपा को नए अलायंस पार्टनर्स मुबारक हों। हालांकि बाद में उन्होंने सफाई दी कि पार्टनर्स से उनका मतलब इनकम टैक्स डिपार्टमेंट और दूसरी सरकारी एजेंसियों से था।