भोपाल,मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में आज मंत्रि-परिषद की बैठक में म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा वित्तीय वर्ष 2017-18 के लिये लागू की गई विद्युत दरों पर उपभोक्ताओं को 8700 करोड़ रूपये की सब्सिडी देने का निर्णय लिया गया। सब्सिडी राशि का भुगतान राज्य सरकार द्वारा संबंधित विद्युत कंपनियों को किया जायेगा। सब्सिडी देने के इस निर्णय से सर्वाधिक रूपये 8400 करोड़ का लाभ प्रदेश के कृषि उपभोक्ताओं को मिलेगा।
मंत्रि-परिषद द्वारा लिये गये इस निर्णय के फलस्वरूप 30 यूनिट तक की मासिक बिजली खपत वाले एक सौ वाट तक के घरेलू उपभोक्ताओं को प्रति यूनिट रूपये 1.10 तथा 50 यूनिट तक मासिक खपत वाले घरेलू उपभोक्ताओं को 20 पैसे प्रति यूनिट की दर से सब्सिडी दी जायेगी। स्थाई संयोजन वाले फ्लेट रेट कृषि उपभोक्ताओं को प्रति हार्स पावर प्रतिवर्ष 1400 रूपये की दर से विद्युत बिल देना होगा। शेष राशि की प्रतिपूर्ति राज्य सरकार द्वारा सब्सिडी से की जायेगी। इसी तरह, एक हेक्टयर तक की भूमि वाले 5 हार्स पावर तक के अनुसूचित जाति एवं जनजाति के कृषि उपभोक्ताओं को नि:शुल्क विद्युत प्रदाय की जायेगी। अस्थाई संयोजन वाले कृषि उपभोक्ताओं को एक रूपये पिचहत्तर पैसे प्रति यूनिट की दर से सब्सिडी दी जायेगी। स्थाई तथा अस्थाई श्रेणी के कृषि उपभोक्ताओं के फिक्स मासिक चार्ज एवं एफसीए (ईंधन लागत समायोजन) का पूर्ण भार राज्य सरकार द्वारा वहन किया जायेगा और इसकी एवज में सब्सिडी जारी रहेगी।
मंत्रि-परिषद ने नगर पालिका एवं नगर पंचायत की निम्न दाब सड़क बत्ती योजनाओं के लिये नियत प्रभार पर राज्य सरकार द्वारा 95 रूपये प्रति किलो वाट प्रतिमाह की दर से सब्सिडी देने का निर्णय लिया। उच्च दाव उदवहन एवं समूह सिंचाई उपभोक्ताओं को वार्षिक न्यूनतम प्रभार से छूट दी जायेगी। प्रति यूनिट रूपये 1.90 की सब्सिडी भी ऊर्जा प्रभार में दी जायेगी। गरीबी रेखा से नीचे जीवन-यापन करने वाले अनुसूचित जाति एवं जनजाति के एकल बत्ती उपभोक्ताओं से प्रतिमाह 25 यूनिट तक विद्युत प्रभार नहीं लिया जायेगा। पच्चीस हार्स पावर तक के पावरलूम उपभोक्ताओं को रूपये 1.25 प्रति यूनिट की सब्सिडी उर्जा प्रभार में दी जायेगी।
मंत्रि-परिषद ने वर्ष 2016-17 के लिये सहकारी बैंकों के माध्यम से किसानों को शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर दिये जा रहे अल्पावधि कृषि ऋण योजना में खरीफ सीजन की निर्धारित डयू डेट 28 फरवरी को बढ़ाकर 28 मार्च 2017 करने का निर्णय लिया।
मंत्रि-परिषद द्वारा मध्यप्रदेश माध्यस्थम अधिकरण में लंबित प्रकरणों का त्वरित गति से निराकरण करने के लिये तकनीकी सदस्य नियुक्त करने का निर्णय लिया गया। इसी तरह, मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय की मुख्य पीठ, जबलपुर तथा इंदौर एवं ग्वालियर खंडपीठ में कार्यरत कंम्प्यूटर प्रशिक्षण प्राप्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों को, जिन्होंने 26 सितंबर 2014 के पूर्व कंम्प्यूटर प्रशिक्षण प्राप्त किया है, एक अग्रिम वेतन वृद्वि स्वीकृत करने का निर्णय लिया गया। मंत्रिपरिषद ने रजिस्ट्रार फर्म्स एवं संस्थाएँ कार्यालय के लिये उप-पंजीयक, निरीक्षक एवं डाटा एन्ट्री आपरेटर के कुल 19 नये पद स्वीकृत करने का निर्णय लिया।