भोपाल, नौ महीने की ट्रेनिंग के बाद एक आईएएस को नौकरी छोड़ना भारी पड़ गया। भारतीय लोक प्रशासन संस्थान में प्रशिक्षण लेने के एक महीने बाद ही नौकरी छोड़ने के कारण सरकार उनसे इस प्रशिक्षण का खर्च ब्याज सहित और इस दौरान दिए गए वेतन भत्ते की 34 लाख 64 हजार रुपए की वसूली उनके वीआरएस के बाद उन्हें मिलने वाले भुगतान से करेगी। यह मामला है मप्र कॉडर की महिला आईएएस अधिकारी रश्मि शुक्ला शर्मा।
भाप्रसे की 84 बैच की अधिकारी रश्मि शुक्ला शर्मा केंद्र में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग में संयुक्त सचिव के पद पर पदस्थ थी। उन्होंने भारतीय लोक प्रशासन संस्थान नई दिल्ली में एक जुलाई 2016 से 30 अप्रैल 2017 के बीच प्रशिक्षण लिया था। इस प्रशिक्षण के दौरान उन्होंने एक बांड भरा था। इस बांड के तहत प्रशिक्षण लेने के बाद यदि पांच साल के भीतर वे नौकरी छोड़ती है तो उन्हें इस प्रशिक्षण पर दिया गया खर्च वापस लौटाना होगा। रश्मि शुक्ला शर्मा के पति प्रवेश शर्मा भी मध्यप्रदेश कॉडर के आईएएस अधिकारी है और उन्होंने भी समय से पहले स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली थी। इस समय वे सब्जीवाला नाम से एक पोर्टल चला रहे है। उनकी पत्नी रश्मि शुक्ला शर्मा ने भी पति की तर्ज पर समय से पहले स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली है।
दिल्ली में प्रशिक्षण लेने के एक माह बाद ही 31 मई से उन्हें स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति दे दी गई है। अब स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के बाद उनके उपर देय बकाया राशियों की गणना की गई तो दिल्ली में भारतीय लोक प्रशासन संस्थान में उनके द्वारा भरे गए बांड की जानकारी भी सामने आई। इस बांड के तहत समय से पहले नौकरी छोड़ने पर उन्हें इस प्रशिक्षण का खर्च सरकार के पास जमा करना होगा। प्रशिक्षण के बाद पांच साल या नौकरी पूरी होने तक जो भी कम हो उन्हें नौकरी करना होता। बांड की शर्तों का उल्लंघन करने के कारण अब सरकार उनसे उनके प्रशिक्षण के पूरे खर्च को ब्याज सहित वसूल करेगी बल्कि प्रशिक्षण के दौरान उन्हें दिए गए वेतन की भी वसूली उनके रिटायरमेंट पर किए जाने वाले स्वत्वों से करेगी। सरकार ने उनपर 34 लाख 64 हजार 170 रुपए की वसूली निकाली है। इसके भुगतान के बाद ही उन्हें रिटायरमेंट के बाद दिए जाने वाले भुगतान किए जा सकेंगे।