जयपुर, पाकिस्तान से सटे राजस्थान के जैसलमेर जिले में पकड़े गए दो जासूसों द्वारा किए गए खुलासे ने सुरक्षा एजेंसियों के होश उड़ा दिए। पूछताछ के दौरान इन जासूसों ने खुलासा किया कि वे आईएसआई के मेजर से सीधे बात करते थे। इसके लिए आईएसआई के एक अधिकारी ने उन्हे पाकिस्तानी सिम के 7 मोबाइल फोन उपलब्ध कराए थे।
दोनों जासूसों ने ये फोन सीमा के पास गांवों में अलग-अलग स्थानों पर छह से सात फीट गहरे खड्डे खोद कर छिपाए थे। खड्डों के ऊपर कच्चे छप्पर भी बनाए गए थे। ऐसे छप्पर इस क्षेत्र में अक्सर लोग रेगीस्तान में पडऩे वाली तेज धूप से बचने के लिए बनाते है। किसी को शक नहीं हो इसके लिए जासूसों ने इन छप्परों के नीचे पीने के पानी के मटके भी रखे थे।
मिलिट्र इंटेलिजेंस और राजस्थान सीआईडी द्वारा बुधवार शाम दो जासूसों नबीया खान और रमजान खान को पाक सीमा से सटे कुंजाडली गांव से हिरासत में लिया गया था। इनके साथ तीन अन्य लोगों को भी पकड़ा गया था,लेकिन उन्हे पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया। दोनों जासूसों ने गुरूवार को मिलिट्री इंटेलिजेंस और राजस्थान सीआईडी अधिकारियों के साथ लम्बी पूछताछ में खुलासा किया कि वे आईएसआई के एक मेजर उन्हे समय-समय पर पैसे भी उपलब्ध कराते रहते थे।
इनमें से कुछ पैसे वे अपने पास रखते थे और बाकी सूचनाएं एकत्रित करने के लिए युवाओं पर खर्च करते थे। हालांकि इन युवाओं को यह शक नहीं होने देते थे कि ये सूचनाएं वे किस के लिए एकत्रित कर रहे है। युवाओं को कभी बॉर्डर देखने भेजते तो कभी सैन्य अभ्यास देखने भेजते थे। इसके साथ जिला सीमा से सटे जैसलमेर और बाड़मेर जिलों के कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक कार्यालयों से भी जानकारियां एकत्रित कराते रहते थे।
पूछताछ के बाद दोनों जासूसों के घर की गई जांच में सीमा क्षेत्र के नक्शे और पाकिस्तानी मुद्रा मिली है। नक्शों पर पेन से टिक मार्क किए गए है। दोनों के पास डायरी भी मिली है जिसमें पाकिस्तानी सेना और आईएसआई के अधिकारियों के मोबाइल नम्बर है।
पूछताछ में सामने आया कि दोनों पिछले माह पकड़े गए पाक जासूस बरियम खां के रिश्तेदार है। बरियम खां के साथ हाजी खां,सदीक खां और हाजी और व्यापारी विनोद माहेश्वरी को गिरफ्तार किया गया था। कुछ दिन पूर्व बाड़मेर से ही मजार के नाम पर चंदा एकत्रित कर आईएसआई को भेजने के आरोप में दीने खां को पकड़ा गया था। जानकारी के अनुसार इस वर्ष बाड़मेर एवं जैसलमेर से 11 जासूसों को पकड़ा जा चुका है।
ISI के मेजर से सीधे बात करते थे दो जासूस
