भोपाल, कांग्रेस के किसान सत्याग्रह के दूसरे दिन आज प्रदेश के विभिन्न जिलों से आए किसान प्रतिनिधियों ने अपनी समस्यायें रखी। किसानों के लगभग 50 से अधिक प्रतिनिधिमण्डलों ने ज्योतिरादित्य सिंधिया से मुलाकात कर मध्यप्रदेश के कृषि क्षेत्र की जमीनी हकीकत से अवगत कराया। सत्याग्रह के मंच से 100 से अधिक किसान वक्ताओं ने मंदसौर-हत्याकाण्ड के दोषियों को अविलम्ब सजा दिये जाने की मांग की। मंदसौर जेल से छूटे 18 किसानों का सिंधिया ने सम्मान भी किया।
सत्याग्रह के मंच से वक्ताओं ने कहा की कांग्रेस की नीतियां हमेशा से ही किसानों के प्रति अनूकूल रही हैं। भाजपा की नीतियों से किसानों के ‘बुरे दिन’ शुरू हो गए है। किसानों को उसके उत्पादन का वाजिब दाम नहीं मिल पा रहा है। बिजली के बिल बढ़ा चढ़ा कर दिये जा रहे हैं, जबकि कांग्रेस के शासनकाल में 5 हार्सपावर तक बिजली का बिल नहीं लिया जाता था। अब किसानों के राजस्व प्रकरणों का बिना रिश्वत के निराकरण नहीं होता है। खसरा-खतौनी की नकल के लिए महीनों चक्कर लगाने पड़ते हैं।
किसान प्रतिनिधियों ने कहा कि आनॅलाइन भुगतान अनिवार्य किए जाने से बिचौलिये किसानों का शोषण कर रहे हैं। अनाज मण्डियों में भारी भ्रष्टाचार व्याप्त है। नोटबंदी के बुरे परिणाम अब किसान को भुगतने पड़ रहे हैं। वक्ताओं ने आरोप लगाया कि शिवराज सरकार में किसानों की बात नहीं सुनी जा रही है। किसानों ने सत्याग्रह मंच से प्रत्येक पंचायत में ग्राम न्यायालय स्थापित किए जाने की मांग की।
सत्याग्रह में शामिल किसानों के विशाल समूह को आज प्रमुख रुप से मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने संबोधित किया। सिंह ने कहा कि आज किसान की खराब स्थिति के लिए भाजपा सरकार की गलत नीतियां जिम्मेदार हैं। स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू ना कर भाजपा ने किसानों के साथ धोखाधड़ी की है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस हमेशा से किसान हितैषी नीतियों की पक्षधर रही है, कांग्रेस की सरकारों में कभी भी किसानों में असंतोष नहीं उभरा। मंदसौर की घटना की निंदा करते हुए सिंह ने कहा कि भाजपा सरकार ने कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को झूठे प्रकरणों में फंसाया है।
राजधानी भोपाल के टी.टी. नगर स्थित दशहहरा मैदान में आयोजित कांग्रेस के सत्याग्रह में आज ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ प्रमुख रुप से पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुरेश पचौरी, सांसद कांतिलाल भूरिया, विधानसभा उपाध्यक्ष राजेन्द्र सिंह, वरिष्ठ नेता मेहश जोशी, मुख्य सचेतक विधानसभा रामनिवास रावत, पूर्व मंत्रीद्वय डॉ. गोबिंन्द सिंह, के.पी. सिंह, विधायकगण जयवर्धन सिंह, रजनीश सिंह, हेमंत कटारे, महिला कांग्रेस अध्यक्ष मान्डवी चौहान, एन.एस.यू.आई के प्रदेश अध्यक्ष विपिन वानखेड़े सहित पूर्व विधायक, प्रदेश कांग्रेस पदाधिकारी, किसान नेता तथा बड़ी संख्या में किसान एवं कांग्रेस कार्यकर्ता उपस्थित रहें।