भोपाल, मध्यप्रदेश में इस बार प्याज की बंपर फसल हुई है। सरकार इसे मंडियों में 8 रूपए की दर से खरीद रही है। अब तक सड़कों पर फेंकी जा रही प्याज खरीदी केंद्रों तक बड़ी संख्या में पहुंच रही है। जिसके चलते प्याज खरीद कर उसे रखने की जगह नहीं बच रही। इस स्थिति को देखते हुए कृषि विभाग की बैठक के दौरान यह बात भी सामने आई कि महंगे दामों पर प्याज खरीदने और उसके सस्ते दामों पर बेचने की झंझट के चलते सरकार देश में पहली बार एक प्रयोग हो,जिसमें एैसी फसलों को जो कि जल्द नष्ट हो जाती है,उन्हें खरीदने के बजाय सरकार जिस रेट पर खरीदना चाहती है वह और जो उस समय फसल का प्रचलित औसत मूल्य है,उसके अंतर की राशि को सीधे किसानों के खाते में जमा करा देगी।
इधर किसानों को अपनी उपज सीधे बेचने की सुविधा देने के लिये प्रदेश में आदर्श किसान बाजार बनाये जायेंगे। किसानों तक फसलों के सम्बन्ध में सही और वैज्ञानिक जानकारी पहुँचाने के लिये विलेज नॉलेज सेंटर बनाये जायेंगे। बिना किसान की सहमति के लिये विकास परियोजनाओं की भूमि नहीं ली जा सके, इसके लिये कानून में संशोधन किया जायेगा। ये जानकारी आज यहाँ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा गत 11 जून को की गयी किसान हितैषी घोषणाओं की समीक्षा के लिये ली गई बैठक में दी गई। इन घोषणाओं पर क्रियान्वयन भी शुरू हो गया है।
मुख्यमंत्री चौहान ने बैठक में निर्देश दिये कि किसानों हित के लिये की गयी घोषणाओं का क्रियान्वयन तेजी से करें। संबंधित आदेश तुरंत जारी करें। सभी मंत्री अपने-अपने विभागों में इनकी समीक्षा करें। एक सप्ताह बाद वे पुन: समीक्षा करेंगे। प्याज खरीदी की व्यवस्थाओं की लगातार मॉनीटरिंग करें।
बताया गया कि सभी नगरीय निकायों और विकासखंड मुख्यालयों में किसान बाजार बनाये जायेंगे। इन बाजारों में किसान खुद फल, सब्जी जैसी अपनी उपजें बेच सकेंगे। नगरीय निकायों में नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग तथा ग्रामीण क्षेत्रों में ग्रामीण विकास विभाग किसान बाजार बनायेंगे। जिन मण्डियों में नीलामी नहीं हो रही है वहाँ पर भी किसान फल, सब्जी जैसी अपनी उपज बेच सकेंगे। इन बाजारों का संचालन सहकारी समिति करेगी। विकासखंड स्तर से ग्राम स्तर तक किसानों को फसलों के संबंध में सही जानकारी और वैज्ञानिक सूचनाएँ पहुँचाने के लिये विलेज नॉलेज सेंटर बनाये जायेंगे। इसकी तैयारी कृषि विभाग द्वारा की जा रही है। इन सेंटरों के माध्यम से किसानों को मौसम की जानकारी, फसलों की संभावनाओं और भूमि के उपयोग के बारे में जानकारी दी जायेगी।
बताया गया कि एक हजार करोड़ के मूल्य स्थिरीकरण कोष की रूपरेखा तैयार कर ली गयी है। इसके आदेश जारी हो गये हैं। इसके माध्यम से जिन उपजों के समर्थन मूल्य केन्द्र सरकार द्वारा घोषित नहीं किये जाते, उन उपजों का मूल्य निर्धारण किया जायेगा। इस मूल्य से कम मूल्य होने पर किसानों को होने वाले नुकसान की भरपाई की जायेगी।कृषि उत्पाद लागत एवं विपणन आयोग के गठन की तैयारियाँ कर ली गयी हैं। इसके माध्यम से फसलों की कृषि लागत तय की जायेगी। यह आयोग छह सदस्यीय रहेगा। इसमें अध्यक्ष के अलावा कृषक, कृषि अर्थशास्त्री और अशासकीय सदस्य होंगे। इसका कार्यकाल दो वर्ष रहेगा। मुख्यमंत्री चौहान ने इसके आदेश तत्काल जारी करने के निर्देश दिये।जिन फसलों को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदने के आदेश हैं, फेयर एव्हरेज क्वालिटी की ऐसी फसलों की खरीदी समर्थन मूल्य से नीचे नहीं की जायेगी। समर्थन मूल्य पर ग्रीष्मकालीन मूंग, तुअर और उड़द की खरीदी शुरू हो गई है। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि कलेक्टरों को निर्देश दिये गये हैं कि जहाँ आवश्यकता हो अतिरिक्त केन्द्र शुरू किये जायें।