आयुर्वेद कॉलेज में 9 करोड़ से बनेगा पंचकर्म सुपर स्पेशलिटी हास्पिटल

 

भोपाल,राजधानी के पंडित खुशीलाल शर्मा आयुर्वेद कॉलेज में स्पा की तर्ज पर पंचकर्म होगा। इसके लिए 9 करोड़ रुपए से एडवांस पंचकर्म सुपर स्पेशलिटी हास्पिटल बनाया जा रहा है। यहां पर जांच व इलाज की सुपर स्पेशलिटी सेवाएं मिलेंगी। यह देश का पहला अस्पताल होगा। इस अस्पताल के अगले साल अंत तक शुरू होने की उम्मीद है।सूत्रों ने बताया कि केन्द्र सरकार की मदद से यह हास्पिटल बनाया जा रहा है। केन्द्र ने इसके लिए राशि जारी भी कर दी है। पीडब्ल्यूडी की प्रोजेक्ट इंप्लीमेंटेशन यूनिट (पीआईयू) को बिल्डिंग बनाने का काम सौंपा गया है। इसके लिए उपकरणों की खरीदी मप्र पब्लिक हेल्थ सप्लाई कॉर्पोरेशन से की जाएगी। इसके लिए अलग से डॉक्टर, नर्स व कर्मचारियों की भर्ती भी की जाएगी।
कॉलेज के अधिकारियों ने बताया कि सुपर स्पेशलिटी हास्पिटल मौजूदा अस्पताल के ठीक सामने कलियासोत डैम के नजदीक बनाया जाएगा। इसका मकसद मेडिकल टूरिज्म को बढ़ावा देना है। अस्पताल भवन ग्राउंड फ्लोर के अलावा तीन मंजिल होगी। भवन की लागत 5 करोड़ 60 लाख रुपए है। सुपर स्पेशलिटी हास्पिटल 50 बेड का होगा। इसमें अलग-अलग तरह के वार्ड होंगे। अस्पताल में डीलक्स, सेमी डीलक्स कैटेगरी के प्राइवेट रूम भी होंगे। इन कमरों में टीवी, एसी, एयर कूलिंग की सुविधा रहेगी। अस्पताल में पंचकर्म की आठ यूनिट होंगी। इनमें एक साथ करीब 16 मरीजों का पंचकर्म किया जा सकेगा। पंचकर्म के दौरान संगीत भी सुनाई देगा। कुछ यूनिट ऐसी भी रहेंगी जिनमें मरीजों को डिस्पोजेबल टॉवेल आदि दी जाएगी। ओपीडी- पंचकर्म की तीन ओपीडी एक साथ अस्पताल में चलेंगी। यहां पर पंचकर्म विशेषज्ञ मरीजों को देखेंगें। साथ ही तय करेंगे के उन्हें किस तरह के पंचकर्म की जरुरत है। डायग्नोस्टिक सेंटर- यहां पर सीटी स्कैन, एमआरआई, ब्रेन की जांच के लिए ईईजी मशीन व अन्य सुविधाएं होंगी। ज्यादा फोकस लकवा और ब्रेन स्ट्रोक के मरीजों के इलाज से जुड़ी सुविधाओं को लेकर रहेगा। अस्पताल में फिजियोथैरेपी की सुविधा भी मिलेगी। इससे लकवा पीड़ित मरीजों को काफी फायदा होगा।
इस बारे में पं. खुशीलाल शर्मा आयुर्वेद कॉल्ज के प्राचार्य ड़ॉ उमेश शुक्ला का कहना है कि न्यूरोलॉजिकल डिसाआर्डर में पंचकर्म के काफी अच्छे नतीजे रहे हैं, इसलिए यह सुपरस्पेशलिटी अस्पताल बनाया जा रहा है। कॉलेज में अभी पंचकर्म के लिए वेटिंग रहती है। नया अस्पताल बनने के बाद दिक्कत खत्म हो जाएगी।

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